उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जंगली हाथियों के संरक्षण के लिए सैटेलाइट कॉलरिंग तकनीक का प्रयोग सफल रहा है। मार्च 2024 में शहडोल के जयसिंहनगर वन क्षेत्र से रेस्क्यू किए गए एक जंगली हाथी को सैटेलाइट कॉलर लगाकर ताला वन परिक्षेत्र की दमना बीट में छोड़ा गया। इसके माध्यम से हाथी के मूवमेंट पर नजर रखी गई, जो संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह तकनीक जंगली हाथियों के मूवमेंट और उनकी गतिविधियों पर नजर रखने में मदद करती है। इससे न केवल हाथियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी, बल्कि मानव-हाथी संघर्ष को कम करने में भी सहायता मिलेगी। अब सरकार इस तकनीक को प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व और हाथी संरक्षण क्षेत्रों में भी लागू करने की योजना बना रही है।
इस प्रक्रिया के दौरान क्षेत्र संचालक डॉ. नितिन गुप्ता, सहायक संचालक ताला, और वन्यजीव विशेषज्ञों की टीम मौजूद रही। अधिकारियों ने बताया कि यह तकनीक हाथियों के प्राकृतिक वास के अध्ययन और संरक्षण की दिशा में एक अहम पहल है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जंगली हाथियों की सैटेलाइट कॉलरिंग पहली बार की गई है, जो अन्य टाइगर रिजर्व क्षेत्रों में इस तकनीक के उपयोग का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। इससे न केवल हाथियों की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि उनके संरक्षण में नए आयाम जोड़े जाएंगे।