दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के 28 कॉलेजों में जिन्हें वित्तीय सहायता दिल्ली सरकार देती है, उनमें 80 से 50 फीसद सीटें दिल्ली के रहने वाले छात्रों को मिलनी चाहिए. साथ ही केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों के लिए 9000 गेस्ट टीचर की भर्तियों में भी 50 से 80 फीसद नौकरियां दिल्ली के रहने वालों को मिलें.

सीएम केजरीवाल ने रविवार की शाम गूगल हैंगआउट के जरिए पार्टी के कार्यकर्ताओं से संवाद करते समय दिल्ली को 100 फीसद शिक्षित राज्य बनाने की बात कही. केरल की साक्षरता दर का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के हर अमीर और गरीब को शिक्षित कर दिल्ली को भी सौ फीसद शिक्षित राज्य बनाने की कोशिश की जाएगी. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा सरकार की मदद से चलने वाले इन कॉलेजों की दी जाने वाली वित्तीय मदद दिल्ली की जनता के टैक्स के पैसों से होती है इसलिए इसमें यहां के स्थानीय छात्रों को तवज्जो मिलनी चाहिए और जल्द ही केजरीवाल यह प्रस्ताव शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के सामने भी रखेंगे.
इस गूगल हैंगआउट संवाद के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार में अलग-अलग स्कूलों में शिक्षकों की खाली जगह भरने के लिए 9000 गेस्ट टीचर की भर्ती निकाली गई हैं. लेकिन केजरीवाल ने इंग्लिश टीचर की भर्ती के लिए कहा कि इसमें 80 फीसद तक नौकरियां दिल्ली में रहने वाले शिक्षकों को मिलने चाहिए.
गूगल हैंगआउट के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि सरकार नए गेस्ट टीचर्स की भर्तियों के साथ-साथ सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे पुराने तमाम गेस्ट टीचर्स को परमानेंट करने की तैयारी भी कर रही है. दिल्ली सरकार द्वारा बारहवीं के बाद उच्च शिक्षा के लिए मिलने वाले लोन की योजना को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार जल्द ही कैबिनेट में यह फैसला लेगी कि 12वीं तक की पढ़ाई दिल्ली से करने वाले किसी भी राज्य के रहने वाले छात्र को उच्च शिक्षा के लिए देश या विदेश में पढ़ने के लिए 10 लाख तक का लोन दिल्ली सरकार देगी.
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