उत्तराखंड में अल्मोड़ा जिले के सल्ट विकासखंड के मरचूला में यात्रियों से भरी बस अनियंत्रित होकर 150 फीट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में पौड़ी गढ़वाल के 27 यात्रियों समेत 36 की मौत हो गई थी। जबकि 27 घायल हैं।
बस हादसे के पांच प्रमुख कारण सामने आ रहे हैं। हालांकि, परिवहन मुख्यालय का जांच दल अभी गहराई से पड़ताल कर रहा है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ठोस कारण स्पष्ट हो पाएंगे।
मरचूला में हुए बस हादसे की जांच के लिए परिवहन मुख्यालय ने सीएम के निर्देश पर एआरटीओ प्रवर्तन पौड़ी व एआरटीओ प्रवर्तन रामनगर को निलंबित किया था। सोमवार को ही उप परिवहन आयुक्त राजीव मेहरा की अध्यक्षता में जांच दल घटनास्थल पर भेजा गया था जो अभी जांच में जुटा है। प्रत्यक्षदर्शियों से मिली जानकारी के आधार पर विभाग को प्रथम दृष्टया हादसे के पांच कारण मिले।
पहला वाहन का ओवरलोड होना, दूसरा वाहन की कमानी टूटना, तीसरा सड़क संकरी व गड्ढायुक्त होना, चौथा क्रैश बैरियर न होना और पांचवां त्योहार पर सवारियों की संख्या के मुकाबले वाहनों की कम उपलब्धता मानी गई है। सभी पहलुओं पर जांच तेजी से चल रही है।
उधर, हादसे ने सड़क सुरक्षा इंतजामों की पोल खोल दी है। दो साल में लोक निर्माण विभाग को यहां क्रैश बैरियर लगाने के लिए सात करोड़ रुपये दिए गए थे। इसके बावजूद क्रैश बैरियर नहीं लगाने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त नाराजगी जताते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
इससे पहले सीएम के आदेश पर सोमवार को ही दो प्रभारी एआरटीओ को निलंबित किया गया था।
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