सेमीकंडक्टर प्रोद्योगिकी में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। दरअसल यूके के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने भारत की अपनी पहली यात्रा के दौरान यूके-भारत प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल का अनावरण किया। विदेश मंत्रालय ने बताया कि हम एक व्यापक यूके-भारत सेमीकंडक्टर साझेदारी की दिशा में काम करेंगे।
ब्रिटेन में नई सरकार के गठन के पहले ही महीने में यूके के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने भारत का दौरा किया। यह यात्रा भारत और ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने तथा विविधता लाने के लिए दोनों पक्षों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद यूके-भारत प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल का अनावरण किया गया।
यह पहल आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन, कौशल विकास और हार्डवेयर सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपनी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में भी यह कहा गया कि हम एक व्यापक यूके-भारत सेमीकंडक्टर साझेदारी की दिशा में काम करेंगे। हमारी गतिविधियां देशों की व्यक्तिगत शक्तियों और प्रोत्साहनों का लाभ उठाएंगी।
आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन सहयोग, कौशल आदान-प्रदान और हार्डवेयर सुरक्षा जैसे रणनीतिक मुद्दों पर केंद्रित पारस्परिक रूप से लाभकारी अनुसंधान एवं विकास का पता लगाएंगी। लैमी की यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ उच्च स्तरीय बैठकें हुई। इन बैठकों में रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और निवेश में सहयोगी प्रयासों के विस्तार पर चर्चा हुई। प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल इस नई साझेदारी की आधारशिला के रूप में उभरती है।
जिसका उद्देश्य चिप डिजाइन और बौद्धिक संपदा में यूके की विशेषज्ञता के साथ-साथ भारत की विनिर्माण क्षमताओं का लाभ उठाना है। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि यूके और भारत मानते हैं कि क्वांटम चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। हम अपनी राष्ट्रीय क्वांटम रणनीतियों की गहन समझ हासिल करने, अपने दोनों देशों के बीच संभावित भविष्य के अनुसंधान और उद्योग और सहयोग के अवसरों की रूपरेखा को आकार देने के लिए एक उच्च स्तरीय संवाद स्थापित करके तेजी से बदलते तकनीकी परिदृश्य कर जवाब देंगे।
यह पहल क्वांटम कंप्यूटिंग और जैव प्रौद्योगिकी सहित उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग को आगे बढ़ाने के व्यापक प्रयासों के साथ संरेखित है। दोनों देश इन क्षेत्रों में संवाद और सहयोग को गहरा करने के लिए तैयार हैं, जिसका उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना है।
पहल के प्रमुख घटक
अनुसंधान और विकास सहयोग- चिप डिजाइन, मिश्रित अर्द्धचालक और अच्छी पैकेजिंग में संयुक्त प्रयास शामिल हैं। इसमें दोनों देशों के हितों के लिए महत्वूर्ण अनुप्रयोगों जैसे दूरसंचार, साइबर सुरक्षा और टिकाऊ प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
कार्यबल विकास- सेमीकंडक्टर कार्यबल को उन्नत तकनीकी कौशल से लैस करने के लिए विनिमय कार्यक्रम, भविष्य की उद्योग मांगों के लिए तत्परता सुनिश्चित करना।
व्यापार और निवेश- द्विपक्षी व्यापार प्रवाह को प्रोत्साहित करने और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए यूके और भारतीय सेमीकंडक्टर कंपनियों के बीच व्यापार मिशनों की सुविधा।
आपूर्ति श्रृंखला एकीकरण- सेमीकंडक्टर चिप और वेफर निर्माण में गहन एकीकरण को प्रोत्साहित करना, भारतीय और यूके कंपनियों के बीच संयुक्त उद्यमों और व्यावसायिक साझेदारी को बढ़ावा देना।
सुरक्षा और लचीलापन- विशेषज्ञ परामर्श और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से कच्चे माल, घटकों और डिवाइस सुरक्षा से संबंधित चुनौतियों का समाधान करते हुए सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ाने के लिए सहयोगात्मक प्रयास।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal