मेट्रो रेल के एमडी सुशील कुमार की अध्यक्षता में हुए ट्रायल रन को पूरी तरह सफल बताया गया था। अब टेस्टिंग चल रही है। टेस्टिंग में 90 की रफ्तार तक से ट्रेन चलाई जाएगी। इस बीच नयागंज से कानपुर सेंट्रल भूमिगत स्टेशन तक बनी मेट्रो सुरंग में ट्रैक निर्माण तेज कर दिया गया है।
कानपुर में उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने आईआईटी से सेंट्रल स्टेशन तक मेट्रो का ट्रायल शुरू करने के लिए ट्रैक और भूमिगत स्टेशनों का निर्माण तेज कर दिया है। दो महीने में इसी रूट पर मेट्रो ट्रायल की तैयारी है। सिग्नलिंग, लाइटिंग सहित अन्य कार्य भी शुरू कर दिए गए हैं, ताकि इसी साल के अंतिम माह में यात्रियों को यह सुविधा मिल सके।
यूपीएमआरसी ने ढाई साल पहले 24 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर में आईआईटी से मोतीझील तक नौ किलोमीटर लंबे रूट में मट्रो संचालन शुरू करने के साथ ही शेष हिस्से में निर्माण शुरू किया था। इसी कॉरिडोर मे 15 दिन पहले मोतीझील के आगे मकाराबटगंज से शुरू हुए भूमिगत सेक्शन में चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा होते हुए नयागंज भूमिगत स्टेशन तक अप लाइन में शुरुआती ट्रायल (टेस्टिंग) की थी।
कोशिश है नवंबर में चुन्नीगंज से कानपुर सेंट्रल मेट्रो चला दी जाए
मेट्रो रेल के एमडी सुशील कुमार की अध्यक्षता में हुए ट्रायल रन को पूरी तरह सफल बताया गया था। अब टेस्टिंग चल रही है। टेस्टिंग में 90 की रफ्तार तक से ट्रेन चलाई जाएगी। इस बीच नयागंज से कानपुर सेंट्रल भूमिगत स्टेशन तक बनी मेट्रो सुरंग में ट्रैक निर्माण तेज कर दिया गया है। मेट्रो के एक अधिकारी ने बताया कि दो महीने में यह कार्य पूरा करना है। कोशिश है कि अक्तूबर में ट्रायल शुरू कराकर नवंबर में चुन्नीगंज से कानपुर सेंट्रल मेट्रो चला दी जाए।
भूमिगत सेक्शन में नयागंज से कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक तेजी से ट्रैक निर्माण कराया जा रहा है। अन्य कार्य भी चल रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द ट्रायल शुरू हो सके। 90 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रायल के बाद रेलवे संरक्षा आयुक्त ग्रीन सिग्नल देने के लिए परीक्षण करेंगे। -पंचानन मिश्रा, डिप्टी जीएम (पीआर), यूपीएमआरसी