गाजा में मानवीय हालात पर विचार के लिए जार्डन की राजधानी अम्मान में हो रहे सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्रालय में सचिव मुक्तेश परदेशी कर रहे हैं। वहां पर स्थितियां बेहतर करने में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ भारत के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। सम्मेलन में गाजा में युद्ध के दौरान वहां के लोगों को मदद देने के तरीकों पर विचार किया जा रहा है।
मंगलवार से शुरू हुए इस सम्मेलन में गाजा में युद्ध के दौरान और उसके बाद वहां के लोगों को मदद देने के तरीकों पर विचार किया जा रहा है। युद्ध की बर्बादी से क्षेत्र को निजात दिलाने के प्रयासों पर चर्चा हो रही है। सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस भी भाग ले रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र और जार्डन की सरकार की मेजबानी में हो रहे इस सम्मेलन में क्षेत्रीय देशों की सक्रिय भागीदारी है।
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत फलस्तीन के विकास के लिए लंबे समय से सहायता दे रहा है। अब यह वार्षिक सहायता बढ़कर 1.2 करोड़ डालर तक पहुंच गई है। भारत जल्द ही संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी सहायता एजेंसी को 25 लाख डॉलर की अतिरिक्त सहायता भी देगा।
इस बीच गाजा में बीते आठ महीनों से जारी युद्ध में मानवाधिकारों के हनन और युद्ध अपराधों के लिए संयुक्त राष्ट्र ने इजरायल और हमास को समान रूप से जिम्मेदार ठहराया है। कहा है कि दोनों ही पक्षों ने आमजनों के हितों का ध्यान नहीं रखा और अपने स्वार्थों के लिए उन्हें ढाल की तरह इस्तेमाल किया या उन पर बर्बर हमले किए।
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