मोनालिसा की पेंटिंग हमेशा ही चर्चा में बनी रहती है । हाल ही में इटली की भूविज्ञानी एन पिज़ोरुसो ने एक नई थ्योरी पता लगाई है कि 500 वर्ष पहले लियोनार्डो दा विंची ने विश्व प्रसिद्ध मोना लिसा की पेंटिंग कहा बनाई थी । आपको बता दें कि मोनालिसा पेंटिंग का स्थान इतिहासकारों के बीच सबसे अधिक बहस वाले विषयों में से एक रहा है।
दुनिया की सबसे मशहूर और रहस्यमयी मोनालिसा की पेंटिंग को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। इटली की भूविज्ञानी एन पिज़ोरुसो ने एक नई थ्योरी निजात कर पता लगाया है कि आखिर में 500 साल पहले लियोनार्डो दा विंची ने विश्व प्रसिद्ध मोना लिसा की पेंटिंग कहा बनाई थी?
आपको बता दें कि मोनालिसा पेंटिंग का लोकेशन इतिुहासकारों के बीच हमेशा से एक बहस का मुद्दा बना रहा है। हालांकि, अब एन पिज़ोरुसो ने अपनी नई थ्योरी के तहत इसका पता लगा लिया है। इतालवी पुनर्जागरण विशेषज्ञ एन पिज़ोरुसो के अनुसार, मोनालिसा को उत्तरी इटली के लेको में पेंट किया गया था।
कहां है लेको शहर?
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने पिज़ोरुसो के हवाले से कहा, ‘जब मैं लेको आई, तो मुझे एहसास हुआ कि विंची ने यहां मोना लिसा की पेंटिंग बनाई थी। लेको, कोमो झील के किनारे बसा एक छोटा सा शहर है।’
क्या साबित करता है कि लेको ही वो शहर है?
दरअसल, मोना लिसा की पेंटिंग की पृष्ठभूमि में एक धनुषाकार पुल है। स्कोलर्स के मुताबिक, यह धनुषाकार पुल 14वीं सदी के पोंटे एज़ोन विस्कोन्टी से बेहद मेल खाता है। हालांकि, कुछ इतिहासकारों का मानना था कि इस पुल को अन्य इतालवी शहरों, जैसे अरेज़ो और बोब्बियो, में देखा जा सकता है।
मोनालिसा को लेकर पहले किए जा रहे थे गलत दावे?
रॉयटर्स ने पिज़ोरुसो के हवाले से बताया कि भूविज्ञान के बारे में उनका ज्ञान उनके दावों को पहले के इतिहासकारों के दावों से ज्यादा सच बनाता है।
उन्होंने मोनालिसा की पेंटिंग को लेकर कहा कि लेको शहर में चट्टान की संरचना चूना पत्थर की थी, जो महिला के पीछे पेंट की गई तस्वीर से पूरा मेल खाती थी। उन्होंने कहा कि ‘जब आप मोनालिसा को देखते हैं, तो आपको अडा नदी का यह हिस्सा दिखाई देता है और आपको इसके पीछे एक और झील दिखाई देती है, जो इन दांतेदार पहाड़ों के नीचे पूरी तरह से दिखाई देती है।’