जौहर यूनिवर्सिटी के लिए किसानों की जमीन कब्जाने के 27 मामलों में से 22 मामलों में बृहस्पतिवार को एमपी-एमएलए (मजिस्ट्रेट ट्रायल) कोर्ट ने सपा नेता आजम खां, उनके परिवार के चार सदस्यों और चमरौवा के सपा विधायक नसीर खां समेत 12 लोगों के खिलाफ आरोप तय कर दिए।
जौहर यूनिवर्सिटी के लिए किसानों की जमीन कब्जाने के 27 मामलों में से 22 मामलों में बृहस्पतिवार को एमपी-एमएलए (मजिस्ट्रेट ट्रायल) कोर्ट ने सपा नेता आजम खां, उनके परिवार के चार सदस्यों और चमरौवा के सपा विधायक नसीर खां समेत 12 लोगों के खिलाफ आरोप तय कर दिए। कोर्ट ने गवाहों को तलब करते हुए सुनवाई के लिए 18 अप्रैल की तारीख तय कर दी है।
अब्दुल्ला आजम दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में सात साल की सजा काट रहे सपा नेता आजम खां की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। किसानों की जमीन कब्जाने के मामलों में उनके परिवार पर आरोप तय हो गए हैं। 2019 में अजीमनगर थाना क्षेत्र के आलियागंज निवासी किसान हनीफ, जुम्मा, कल्लन, यासीन, रफीक, बंदे अली, नब्बू, भुल्लन, शरीफ, मुस्तकीन, अमीर आलम, नामे अली, अबरार, नजाकत, मतलूब, असरार, मोहम्मद आलिम, जाकिर की ओर से अजीमनगर थाने में 27 मुकदमे दर्ज कराए गए थे।
एमपी-एमएलए कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) के जज शोभित बंसल ने आरोपियों द्वारा पेश किए गए डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया और सभी आरोपियों पर आरोप तय कर दिए। साथ ही कोर्ट ने गवाहों को तलब किया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल को होगी। सुनवाई के दौरान सपा विधायक नसीर अहमद खां और लेखपाल आनंदवीर कोर्ट में पेश हुए, जबकि शेष आरोपियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई।
ये आरोपी शामिल, एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही सुनवाई
मामले में सपा नेता आजम खां, उनकी पत्नी डाॅ. तजीन फात्मा, बेटे अदीब आजम, अब्दुल्ला आजम, बहन निखहत अखलाक, चमरौवा विधायक नसीर अहमद खां, तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन, थानाध्यक्ष कुशलवीर सिंह, जकी उर रहमान सिद्दीकी, मुश्ताक अहमद सिद्दीकी, फसी जैदी, लेखपाल आनंदवीर सिंह आरोपी हैं। सभी मुकदमों की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है।
पूर्व थानाध्यक्ष पर 15 और लेखपाल पर तीन मामले
वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी के मुताबिक अजीमनगर के तत्कालीन थानाध्यक्ष कुशलवीर सिंह के खिलाफ 15, जबकि लेखपाल आनंदवीर के खिलाफ तीन मामलों में आरोप तय किए गए हैं।
जमीन की कीमत दिए बिना ही बैनामा कराया
- किसानों ने आरोप लगाया था कि उनकी जमीनों पर जबरन कब्जा किया गया। उनको बंधक बनाया गया और जमीन की कीमत दिए बिना ही बैनामा करा लिया गया।