पंजाब विश्वविद्यालय के 71वें दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पहुंचे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सड़क पर उतरकर कानून में व्यवधान पैदा कर रहे, यह चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि ऐसे चलन को बेअसर करना जरूरी है। आपकी पहली व आखिरी पहचान भारतीय ही होनी चाहिए।
मेरी पीढ़ी ने भाई-भतीजावाद और पक्षपात को देखा है। आप भाग्यशाली हैं जो इस समय में हैं, जब परिवारवाद और भाई-भतीजावाद को सुशासन व नीति निर्माण से समाप्त किया गया है। भ्रष्टाचार करने वाले कानून के शिकंजे में हैं। ये बातें गुरुवार को पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) के 71वें दीक्षांत समारोह के दौरान विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति व पीयू के कुलाधिपति जगदीप धनखड़ ने कहीं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सुशासन और नीति निर्माण के चलते आज युवाओं के सामने विभिन्न क्षेत्रों में कई असवर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि एक समय था जब शासन भ्रष्टाचार से ग्रसित था। भ्रष्टाचार ही नौकरी और अवसर प्राप्त करने का पासवर्ड था लेकिन आज भ्रष्टाचारी कानून के शिकंजे में हैं।
उपराष्ट्रपति ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि यह चकित कर देने और चिंता की बात है कि लोकतंत्र के महत्वपूर्ण हितधारक होने के बावजूद कुछ लोग सड़कों पर उतरकर कानून में व्यवधान पैदा कर रहे हैं। युवाओं को प्यारे दोस्त के रूप में संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि ऐसे चलन को बेअसर करना जरूरी है। देश में कानून का होना लोकतंत्र के लिए मौलिक है जो बराबरी के अधिकार को पूरा करता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा हाल ही में लोकतंत्र के मंदिरों, संसद पर कुछ ने हमला किया। देश में कुछ राष्ट्र विरोधी तत्व हैं जो देशभक्ति की भावना और विकास में खलल डाल रहे हैं। जहां देश के विकास की बात आती है वहां सभी का संयुक्त रूप से साथ होना जरूरी है।
उन्होंने विश्वविद्यालय वह महत्वपूर्ण स्थान है जहां युवा विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बात कर सकते हैं लेकिन हमेशा देश को पहले रखें। धनखड़ ने डॉ. बीआर आंबेडकर का उल्लेख करते हुए कहा कि आपकी पहली पहचान भारतीय होनी चाहिए, आखिरी पहचान भी भारतीय होनी चाहिए और कुछ नहीं।