पंजाब और जम्मू-कश्मीर से मुख्य सचिव इस परियोजना की प्रगति पर निगरानी रखे हुए हैं। पंजाब के मुख्य सचिव ने परियोजना के कामकाज पर संतोष जताते हुए उम्मीद जताई है कि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो इस साल के अंत तक परियोजना में बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा।
रावी नदी पर शाहपुर कंडी प्रोजेक्ट इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा। यह प्रोजेक्ट 206 मेगावाट बिजली उपलब्ध कराएगा। वहीं, इसका बैराज पाकिस्तान को जा रहा 1150 क्यूसेक पानी पंजाब और जम्मू-कश्मीर को देगा। गत बुधवार रात से प्रोजेक्ट की झील में जल भंडारण का काम शुरू कर दिया गया है।
हालांकि, इसे निर्धारित लेवल तक भरने में करीब 90 दिन लगेंगे। पठानकोट जिले में रणजीत सागर बांध से नीचे स्थापित हो रही इस परियोजना से उपलब्ध होने वाला पानी पंजाब में 5000 हेक्टेयर और जम्मू-कश्मीर में 32000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई में सहायक होगा।
पाकिस्तान जा रहे पानी को रोकने के लिए बांध निर्माण का काम पूरा हो चुका है, जिसमें जल भंडारण की क्षमता 4.23 ट्रिलियन घन मीटर फुट है। वहीं, बिजली निर्माण के लिए पावर हाउस तैयार किए जा रहे हैं। रणजीत सागर बांध से छोड़े गए पानी का उपयोग इस परियोजना के लिए बिजली पैदा करने के लिए किया जाना है। पिछले साल केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों ने इस परियोजना की समीक्षा करते हुए इसके पूरा होने का समय जुलाई 2022 तय किया था।
अब पंजाब और जम्मू-कश्मीर से मुख्य सचिव इस परियोजना की प्रगति पर निगरानी रखे हुए हैं। पंजाब के मुख्य सचिव ने परियोजना के कामकाज पर संतोष जताते हुए उम्मीद जताई है कि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो इस साल के अंत तक परियोजना में बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। इससे पहले कोविड के समय इस परियोजना का काम लंबे समय तक रुका रहा था।