मणिपुर के काकचिंग जिले के सुगनू गांव में बुधवार सुबह गोलीबारी की खबर आई। खबर है कि कुछ हथियारबंद लोगों ने गावों में तैनात ग्रामीण स्वयंसेवकों पर हमले कर दिए, जिसके बाद दोनों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई। हालांकि, गोलीबारी में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। पुलिस ने बताया कि छिटपुट गोलीबारी जारी है।
मौके पर सुरक्षाकर्मी तैनात
पुलिस ने बताया कि कई हथियारबंद लोगों ने सुगनू की ओर गोलियां चलाईं, जिसके बाद गांव के स्वयंसेवकों ने जवाबी कार्रवाई की। इसके साथ ही मोर्चा संभालने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को इलाके में भेजा गया।
सुगनू में पिछले साल बिगड़ी थी हालात
बता दें कि पिछले वर्ष मई में सुगनू में हालात काफी गंभीर हो गए थे। पिछले साल हुई हिंसा में कई घर जल गए थे और पांच से अधिक लोगों की जान चली गई थी। इस वजह से सैकड़ों ग्रामीणों को राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
मंगलवार को एक स्वयंसेवक की हुई थी मौत
इससे पहले मंगलवार को इंफाल पूर्वी जिले के पुखाओ शांतिपुर में दो समुदायों के बीच गोलीबारी में एक 25 वर्षीय ग्रामीण स्वयंसेवक की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। उन्हें इंफाल के एक प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
वहीं, पूर्वी इंफाल जिले में एक अलग घटना में सेना के एक अधिकारी को गोली लग गई, जिसमें वह घायल हो गए। वह मोर्चा संभालने के लिए मौके पर जा रहे थे। तभी ये घटना हो गई।
पिछले साल शुरू हुई थी हिंसा
बता दें कि पिछले साल तीन मई को मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के बाद भड़की जातीय हिंसा में मणिपुर में 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।