सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब बीएड करने वाले उम्मीदवारों को प्राइमरी टीचर बनने से रोक दिया गया है। अब प्राइमरी टीचर बनने के लिए नयी शिक्षा नीति के तहत नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन यानी (NCTE) की ओर से नया प्रोग्राम इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) लॉन्च किया जा रहा है। इस इस प्रोग्राम के अगले सेशन से लागू होने का अनुमान है।
क्या है ITEP कोर्स
यह पाठ्यक्रम 4 वर्षीय होगा जिसे सस्टूडेंट्स 12वीं कक्षा के उत्तीर्ण करने के बाद से ही कर सकेंगे। अभी तक अभ्यर्थी पहले ग्रेजुएशन कोर्स करते थे और इसके बाद दो वर्षीय बीएड कोर्स में दाखिला लेते हैं। अब आईटीईपी पाठ्यक्रम के आने से अभ्यर्थी 4 साल में ही प्राइमरी टीचर बनने की योग्यता हासिल कर लेंगे।
कैसे ले सकेंगे इस पाठ्यक्रम में प्रवेश
इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए प्रतिवर्ष एंट्रेस एग्जाम का आयोजन करवाया जायेगा। इसके बाद उम्मीदवारों को रैंक के अनुसार कॉलेज अलॉट किये जायेंगे और उन्हें प्रवेश दिया जाएगा। एंट्रेस एग्जाम के आधार पर स्टूडेंट्स बीएससी बीएड, बीए बीएड, बीकॉम बीएड पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकेंगे।
वर्ष 2030 के बाद अनिवार्य हो सकता है ITEP कोर्स
नयी शिक्षा नीति के तहत वर्ष 2023 तक ITEP कोर्स को अनिवार्य किया जा सकता है, इसके बाद प्राइमरी टीचर भर्तियों में आईटीईपी कोर्स करने वाले अभ्यर्थी भाग ले सकेंगे। अभ्यर्थियों को जानकारी दे दें की पायलट प्रोजेक्ट के तहत कई डीयू के कुछ कॉलेज समेत अन्य विश्वविद्यालयों में इस प्रोग्राम के तहत एडमिशन दिए जाने लगे हैं।
एकेडमिक तौर पर जारी रहेगा बीएड
आईटीईपी कोर्स के शुरू होने के बाद भी बीएड प्रोग्राम एकेडमिक तौर पर लगातार जारी रहेगा। अभ्यर्थी इस प्रोग्राम में प्रवेश ले सकेंगे और आगे चलकर इस क्षेत्र में पीएचडी कर सकेंगे।