अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में स्थायी, अस्थायी और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी 14 दिसंबर को हड़ताल पर रहे। करीब छह हजार कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से विभागों और कार्यालयों पर ताले लटके रहे। आंदोलित कर्मचारियों ने पीआरओ कार्यालय के सामने नमाज पढ़ी। इसके बाद अपने हक की आवाज बुलंद की। हड़ताल के कारण एएमयू की व्यवस्थाएं बेपटरी रहीं। पढ़ाई ठप रही। हालांकि, जेएन मेडिकल कॉलेज और तिब्बिया कॉलेज में हड़ताल का असर नहीं रहा, क्योंकि ब्लड बैंक व वार्डों के कर्मचारियों को हड़ताल में शामिल नहीं किया गया था।
10 सूत्री मांगों को लेकर एएमयू के स्थायी, अस्थायी और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी आंदोलित हैं। वह 48 दिनों से कुलपति कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। 9 दिसंबर को भी कर्मचारी हड़ताल पर रहे थे। मगर सुनवाई न होने पर कर्मचारियों ने एकदिनी हड़ताल पर जाने का एलान किया था। सुबह करीब दस बजे से सभी कर्मचारी कुलपति कार्यालय के समक्ष जुटने लगे थे।
कर्मचारी नेता फैसल गांधी ने कहा कि उनकी मांगों पर एएमयू इंतजामिया कोई ध्यान नहीं दे रहा है। एक साल से एएमयू प्रशासन ने भत्ता बंद कर रखा है। कर्मचारी हित में कोई काम नहीं हो रहा है। करीब 6 हजार कर्मचारियों ने हड़ताल को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई है। कर्मचारी नेता रेहान, मसूद, नजर आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।
कर्मचारी बोले
दैनिक वेतनभोगी सफाई कर्मचारी हूं। वेतन बढ़ने के साथ नियमित किया जाए। -रेखा देवी
कई साल से सफाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत हूं। वेतन बढ़ाया जाए। -राधा देवी
प्रॉक्टर कार्यालय में कार्यरत हूं। मांगों को एएमयू प्रशासन को पूर्ण करना चाहिए। -सरोज
वर्ष 2002 से एएमयू में काम कर रही हूं। नौकरी में मुझे स्थायी किया जाए। – कांता
भूखे पेट विद्यार्थियों ने दी परीक्षा, छात्रा को आया चक्कर
कर्मचारियों की हड़ताल के बावजूद एएमयू के 26 परीक्षा केंद्रों/विभागों में सेमेस्टर परीक्षाएं समय पर हुईं। हॉल-हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों ने बिना नाश्ता किए परीक्षा दी। एक छात्रा को परीक्षा देते वक्त भूख से चक्कर आ गया था। परीक्षा के बाद कई विद्यार्थियों ने खुद खाना बनाकर खाया। वहीं, कुलपति प्रो. मोहम्मद गुलरेज ने हड़ताल से उत्पन्न स्थिति के बीच परीक्षा आयोजित करने में शिक्षकों के प्रयास की सराहना की।
एमआईसी प्रो. आसिम सिद्दीकी ने दावा किया कि विभिन्न आवासीय हॉलों में डाइनिंग हॉल की सुविधाएं सामान्य रहीं और संबंधित प्रोवोस्ट और वार्डन सेवाओं की निगरानी कर रहे थे। प्रोवोस्ट और वार्डन अपने आवासीय हॉलों में मौजूद थे और स्वयं विद्यार्थियों को भोजन परोस रहे थे। प्रॉक्टर प्रो. वसीम अली के नेतृत्व में प्रॉक्टोरियल टीम ने लगातार परिसर में घूमकर स्थिति पर नजर बनाए रखी। इससे पहले कुलपति, रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक ने स्थिति का जायजा लिया और विश्वविद्यालय के कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए बैठकें कीं। बैठक में संकायों के डीन, विभिन्न विभागों के अध्यक्ष सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया। जेएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, चिकित्सा अधीक्षक, उप चिकित्सा अधीक्षक ने भी चिकित्सा सेवाओं की निगरानी की।
अब छात्रों के साथ हो रहा जुल्म : फरीद
छात्र नेता फरीद मिर्जा ने कहा कि कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल रहे, वह अपना हक लेना चाहते हैं। उनके साथ इंतजामिया जो जुल्म कर रही है, वह अलग है, लेकिन अब छात्रों के साथ कर जुल्म हो रहा है। हॉलों में खाने-पानी की दिक्कत रही। छात्रनेता मोहम्मद सलमान गौरी ने कहा कि हम कर्मचारियों के साथ हैं। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं ने बिना नाश्ता किए परीक्षा दी। एक छात्रा को परीक्षा देते वक्त भूख से चक्कर आ गया था। कुलपति, कुलसचिव ने नाश्ते का इंतजाम करना चाहिए था।
कार्यकारी परिषद की बैठक 23 को
अलीगढ़। एएमयू में गैर-शिक्षण कर्मचारी अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने, वार्षिक वेतन वृद्धि, भत्तों का भुगतान आदि के बिंदुओं को लेकर कार्यकारी परिषद के सदस्यों की बैठक 23 दिसंबर को होगी।
एएमयू के कुलसचिव ने सभी सदस्यों को बैठक के लिए पत्र भेजा है। बैठक में कॅरियर उन्नति योजना के तहत पदोन्नति के लिए सामान्य चयन समिति और स्क्रीनिंग-सह-मूल्यांकन समिति की सिफारिशें, स्क्रीनिंग-सह-मूल्यांकन समिति की सिफारिशें, विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसरों की पदोन्नति में छूट पर विचार करने, विश्वविद्यालय में 1632 अस्थायी/तदर्थ, दैनिक वेतनभोगी/निश्चित वेतनभोगी कर्मियों (1628+04-1632) (स्वीकृत पदों के विरुद्ध कार्यरत) के कार्यकाल में विस्तार के मामले पर विचार करना सहित अन्य बिंदुओं पर चर्चा होगी।