ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक अवैध प्रवासियों को रवांडा में बसाने की नीति को लेकर अपनी ही सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी के निशाने पर है। वह अपना पद और राजनीतिक करियर बचाने की जंग लड़ रहे हैं। इस बीच गुरुवार को सुनक ने अवैध प्रवासियों को रवांडा भेजे जाने की नीति का पुरजोर समर्थन किया और इसे अब तक का सबसे कड़ा आव्रजन रोधी कानून करार दिया।
सुनक के सहयोगी ने दिया इस्तीफा
इस नीति को लेकर बुधवार रात सुनक के सहयोगी राबर्ट जेनरिक ने आव्रजन मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अभी हाल ही में ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट ने अवैध प्रवासियों को रवांडा में बसाने की योजना को गैरकानूनी करार दिया था।
भारतवंशी नेता सुनक ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में खुद को प्रवासियों की संतान करार दिया और बताया कि किस प्रकार उनके परिवार ने गर्वित ब्रिटिश नागरिक बनने के लिए कानूनी रास्ता अपनाया। अवैध प्रवासन न केवल हमारी सीमा नियंत्रण को कमजोर करता है बल्कि राष्ट्रीय चरित्र में निहित निष्पक्षता की भावना को भी कमजोर करता है।
सुनक को नई रवांडा नीति पर भरोसा
उन्होंने कहा कि हम नियमों के अनुरूप खेलते हैं और अपनी बारी का इंतजार करते हैं। कुछ लोग यह सब खत्म कर सकते हैं। आपने केवल अपनी सीमाओं से नियंत्रण नहीं खोया बल्कि निष्पक्षता और विश्वसनीयता को कमजोर कर दिया है, जिस पर हमारा तंत्र आधारित है।
सुनक ने कहा कि गत वर्ष उनके कार्यभार संभालने के बाद से अवैध अप्रवासियों के आने की घटनाओं में एक तिहाई की कमी आई है और उन्होंने विश्वास जताया कि नई रवांडा नीति से समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगी।