उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को अखिल भारतीय मुस्लिम महापंचायत को सार्वजनिक बैठक आयोजित करने की अनुमति की व्यवहार्यता पर विचार करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद मिशन सेव कॉन्स्टिट्यूशन (एमएससी) की याचिका पर सुनवाई कर रहे है। उन्होंने कहा कि 18 दिसंबर को सार्वजनिक बैठक आयोजित करने के उसके आवेदन को एक प्रतिनिधित्व के रूप में माना जाना चाहिए।
अदालत ने कहा एमसीडी और पुलिस अधिकारियों को 18 दिसंबर को रामलीला मैदान में महापंचायत आयोजित करने की व्यवहार्यता पर विचार करना चाहिए। पिछले महीने अदालत ने याचिकाकर्ता एमएससी को दी गई प्रारंभिक अनुमति को रद्द करने के दिल्ली पुलिस के फैसले को बरकरार रखा था।
हालांकि, अदालत ने कहा था कि त्योहारी सीज़न खत्म होने के बाद कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति के लिए संगठन की याचिका पर नए सिरे से विचार किया जाना चाहिए। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने न्यायमूर्ति प्रसाद को अवगत कराया था कि उसे तीन से पांच दिसंबर तक रामलीला मैदान में एक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए एक अन्य संगठन से भी आवेदन मिला है और इसके लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी किया गया है। एमसीडी ने अदालत को सूचित किया कि उक्त तिथि के लिए रामलीला मैदान उपलब्ध नहीं है और इसे दिल्ली पुलिस से एनओसी के अधीन आवंटित किया जा सकता है।