देव दिवाली पर काशी पहुंचे शंकराचार्य नरेंद्र आनंद और सांसद मनोज तिवारी

प्राचीन दशाश्वमेध घाट स्थित गंगोत्री सेवा समिति के तत्वावधान में पिछले तीन दशक से लगातार चले आ रहे देव दीपावली महोत्सव का आयोजन मां गंगा की भव्य आरती और सुमधुर भजनों के साथ किया गया। अष्टधातु के 108 किलो की  गंगा प्रतिमा का श्रृंगार पूजन अर्चन संस्था के संस्थापक/ अध्यक्ष पं किशोरी रमण दुबे बाबू महाराज ने किया। 

बतौर मुख्य अतिथि सुमेरु पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य नरेंद्र आनंद सरस्वती और सांसद मनोज तिवारी, प्रमुख बैंकों के सीईओ सहित अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ मां गंगा का 108 लीटर दूध से अभिषेक पूजन करते हुए पीयरी चढ़ा कर आरती उतारी। जैसे-जैसे शाम ढल रही थी वैसे-वैसे दीपों की लडिया चटख हो रही थी और अंधकार के आगोश को अपने में समेट जा रही थी। विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती के 21 वैदिक ब्राह्मण ने जैसे ही कपूर और घी की आरती को उठाया 42 रिद्धि सिद्धि स्वरूपा कुंवारी कन्याओं ने चवर डुलाना प्रारंभ किया। साथ ही 108 डमरू की निनाद लाखों लोगों की गगनभेदी जयकारो से घाट गुंजायमान हो उठा।
कोना-कोना पूरा पर्यटकों से पटा पड़ा था। गीतकार कन्हैया दुबे केडी के संयोजन व संचालन में भोजपुरी के सुप्रसिद्ध लोक गायक नायक दिल्ली प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष सांसद डॉ मनोज तिवारी मृदुल ने जैसे ही मंच संभाला श्रोताओं का उत्साह देखते बना।
मनोज तिवारी ने मां गंगा की स्तुति करते हुए कहा कि हमारे जीवन की शुरुआत इन्हीं घाटों से हुई है और आज हम पूरा परिवार इसमें शामिल हुए हैं।  जब हम छोट रहली तब हमार माई हमके पूर्णिमा पर गंगा नहाए खातिर लेके आवत रहल। उहे संस्कार हमरे अंदर आज भी जिंदा बा। हम दुनिया में कतहूं रही बाकी शीतला मंदिर, गंगोत्री सेवा समिति के देव दीपावली गंगा दशहरा, दुर्गा मंदिर, काली मठ मंदिर के नाही भुलाईल जा सकत अपने पुराने दिनों को साझा करते हुए जय जय गंगा महारानी… मेरी मां बताती है गंगा मेरी माता है… शीतला घाट पे काशी में… हर हर महादेव शंभू… देश-विदेश में गूंज रहल बा आपन काशी अविनाशी… काला टीका काला टीका लगाओ काशी को नजर ना लग जाए… सहित अनेक देवी गीतों को सुना कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया डॉ अमलेश शुक्ला ने मर्यादा है। इस देश की पहचान है गंगा… गंगा को बचाना है… आस्था शुक्ला ने नमामि गंगे नमामि गंगे… बाल कलाकार यथार्थ दुबे ने अपने पंचाक्षर स्तोत्र के लोकार्पण के बाद लोगों को पंचाक्षर स्तोत्र सुनाते हुए हे गंगे मैया सुख करणी… सुना कर खूब वाहवाही बटोरी तबले पर पंकज राय ढोलक पर वीरेंद्र मोती बैंजो पर पप्पू शंकर सैक्सोफोन पर प्रदीप पैड पर पप्पू ने कुशल संगत किया अतिथियों और कलाकारों का स्वागत अंग वस्त्रम स्मृति चिन्ह रुद्राक्ष की माला प्रसाद देकर के गंगोत्री सेवा समिति के सचिव पं दिनेश शंकर दुबे ने किया पुलिस और पीएसी के बलिदानियों के याद में 1 महीने तक जल रहे आकाशीय दीप का समापन करते हुए बलिदानियों के नाम से गंगा में दीप प्रवाहित किया गया। 

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