डीपफेक वीडियो पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बयान के बाद इसकी गंभीरता और खतरे को लेकर बात होने लगी है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने डीपफेक वीडियो पर कहा है कि सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म के साथ इस मुद्दे पर बात हो रही है। उन्होंने कहा कि यदि इसे रोकने के लिए किसी कानून की जरूरत होती है तो उसे तैयार किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘सरकार और सोशल मीडिया कंपनियों की पूरी जिम्मेदारी है कि भारत में इंटरनेट हमारे डिजिटल नागरिकों के लिए खुला, सुरक्षित, भरोसेमंद और जवाबदेह बना रहे। इसके लिए हम टेक कंपनियों से लगातार संपर्क में हैं। प्रधानमंत्री ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है और हम यह सुनिश्चित करने के लिए टेक फर्म के साथ बैठ करेंगे कि वे अपने प्लेटफॉर्म पर डीपफेक कंटेंट को फैलने ना दें। आखिरी फैसले के लिए आपको 24 नवंबर तक का इंतजार करना होगा। इसके लिए हम एक रूपरेखा लेकर आएंगे जो हमारे मौजूदा ढांचे को मजबूत करेगी जो पहले से मौजूद है।’
बता दें कि पिछले हफ्ते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीपफेक कंटेंट को खतरनाक बताते हुए कहा था कि उनका भी एक गरबा खेलते हुए वीडियो वायरल हुआ है, जबकि उन्होंने कभी गरबा खेला ही नहीं है। पीएम मोदी के इस बयान के बाद डीपफेक अब राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है।
पीएम मोदी के इस बयान के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि इस मुद्दे पर सोशल मीडिया कंपनियों के साथ बैठक होगी। अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि सरकार जल्द ही डीपफेक मुद्दे पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों से मुलाकात करेगी। उन्होंने कहा कि अगर प्लेटफॉर्म डीपफेक को हटाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाते हैं तो सेफ हार्बर इम्युनिटी क्लॉज लागू नहीं होगा।