सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसी) और रैपसीड डीओसी की अधिक खेप के कारण पिछले महीने ऑयलमील निर्यात 36 प्रतिशत बढ़कर लगभग 2.9 लाख टन हो गया। तेल उद्योग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के आंकड़ों से पता चलता है कि अक्टूबर में ऑयलमील (डीओसी) का निर्यात 2,89,931 टन रहा, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 2,13,153 टन रहा था।
सोयाबीन डीओसी का निर्यात पिछले महीने बढ़कर 87,060 टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 40,196 टन था, जबकि समीक्षाधीन अवधि के दौरान रैपसीड डीओसी का निर्यात पहले के 98,571 टन से बढ़कर 1,69,422 टन हो गया। एसईए के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने कहा, ‘‘भारतीय सोयाबीन डीओसी का प्रमुख उपभोक्ता दक्षिण-पूर्व एशिया हैं, जहां भारत के पास लॉजिस्टिक लाभ है और वह छोटी मात्रा में आपूर्ति भी कर सकता है।”
उन्होंने कहा कि इसके अलावा भारतीय सोयाबीन डीओसी के गैर-जीएमओ होने के कारण एक फायदा है और कुछ यूरोपीय देशों और अमेरिका द्वारा इसे पसंद किया जाता है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान, ऑयलमील का कुल निर्यात 30 प्रतिशत बढ़कर 25,66,051 टन हो गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 19,75,496 टन का रहा था। चालू वित्तवर्ष के पहले सात महीनों में सोयाबीन डीओसी का निर्यात बढ़कर 6,73,910 टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 1,61,534 टन था।