चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को ईवीएम हैक करने की चुनौती दी है। आयोग राजनीतिक दलों को हाल में हुए विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल ईवीएम देकर उन्हें हैक करके दिखाने को कहेगा।
हालांकि उसने इसके लिए अभी कोई तारीख तय नहीं की है। आयोग ने साथ ही राजनीतिक दलों को भरोसा दिलाया कि भविष्य में सभी चुनाव वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल सिस्टम (वीवीपीएटी) वाली ईवीएम मशीन पर ही होंगे।
शुक्रवार को सियासी दलों के साथ बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने ईवीएम में छेड़छाड़ करने की चुनौती दी। ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों के बाद पहली बार आयोग ने ऑन रिकार्ड चुनौती देने की बात कही है। वहीं आयोग की खुली चुनौती के बाद भी केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि यह दुख की बात है कि आयोग हैकथॉन से पीछे हट रहा है।
जैदी ने कहा कि हालांकि ईवीएम में वीवीपीएटी की वजह से इन मशीनों की विश्वसनीयता सुनिश्चित हो जाएगी, सभी विवादों पर विराम भी लग जाएगा। उन्होंने कहा कि ईवीएम चैलेंज के दौरान राजनीतिक दलों को यह भी दिखाना होगा कि चुनाव आयोग के कड़े तकनीकी और प्रशासनिक सुरक्षा उपाय के बावजूद छेड़छाड़ संभव है।
चुनाव आयुक्त ने कहा कि हमारी इस पेशकश के तहत राजनीतिक दल को यह छूट होगी कि वे यह साबित करें कि हालिया विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल ईवीएम से छेड़छाड़ की गई थी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हाल में भिंड और धौलपुर के उप चुनाव को लेकर आधारहीन अवधारणा बनी। जिसे चुनाव आयोग खारिज करता है।
इन उपचुनाव में वोटिंग परिणाम में किसी भी तरह का पक्षपात नहीं किया गया था। उन्होंने चुनाव में धन और बल के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने को लेकर भी राजनीतिक दलों के सामने प्रस्ताव रखे। साथ ही चुनावी फंडिंग को लेकर पारदर्शिता बरतने के लिए आयोग ने नए प्रस्ताव रखे।