राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में छात्रों को पढ़ाई और शोध कार्यों के अलावा अन्य महत्वपूर्ण जवाबदेही से जोड़ने की सिफारिश की गयी है। सामुदायिक संपर्क और सेवा के तहत छात्रों को जोड़ा जा सकता है।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई)ने इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर, फार्मेसी और मैनेजमेंट कॉलेजों से कहा है कि प्रत्येक छात्र को हर साल पांच निरक्षर लोगों को साक्षर बनाएगा। तकनीकी कॉलेजों को शिक्षा मंत्रालय के प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम के ‘नव भारत साक्षरता अभियान’ को सफल बनाने में सहयोग करना होगा।
इस अनूठे कार्यक्रम में जो छात्र सहयोग करेंगे, उन्हें संबंधित तकनीकी कॉलेज और विश्वविद्यालय की ओर से प्रमाणपत्र दिया जाएगा। साथ ही उनके रिजल्ट में क्रेडिट भी जुड़ेंगे। एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त कॉलेजों में विभिन्न स्नातक और स्नातकोत्तर प्रोग्राम की पढ़ाई करने वाले छात्रों को साक्षरता अभियान से जोड़ा जाएगा।
योजना में सहयोग करने वाले छात्र को स्वयंसेवक कहा जाएगा। इसलिए ऐसे स्वयंसेवकों को प्रोत्साहित करने के लिए तकनीकी कॉलेज और राज्य सरकार प्रमाण पत्र दे सकती हैं। केंद्रीय बजट 2022 में प्रौढ़ शिक्षा के सभी पहलुओं को राष्ट्रीय शिक्षा नीति और वर्ष 2021-22 की बजटीय घोषणाओं से जोड़ते हुए ‘नव भारत साक्षरता कार्यक्रम’ नाम से नई योजना को मंजूरी दी गई थी।
सामुदायिक संपर्क और सेवा में क्रेडिट का लाभ
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में छात्रों को पढ़ाई और शोध कार्यों के अलावा अन्य महत्वपूर्ण जवाबदेही से जोड़ने की सिफारिश की गयी है। सामुदायिक संपर्क और सेवा के तहत छात्रों को जोड़ा जा सकता है। इसका मकसद छात्रों को समाज से जोड़ते हुए आम लोगों को आगे बढ़ने में मदद करना सीखना है। इसमें छात्रों मे जवाबदेही की भावना आएगी और वे दूसरों की मदद करना सीखेंगे।