रत्ना पाठक ने कहा- मैं खुद के लिए नहीं बनाती फ़िल्में

मुंबई। समीक्षकों द्वारा सराही जा चुकी अभिनेत्री रत्ना पाठक शाह ने कहा कि कलाकारों को यह सोचकर भूमिकाएं नहीं निभानी चाहिए कि यह दर्शकों को लुभाएगी या नहीं। इसके बजाए उन्हें पटकथा का अनुसरण करना चाहिए। धारावाहिक साराभाई वर्सेज साराभाई में माया साराभाई के किरदार के लिए आज भी याद की जाने वाली रत्ना पर्दे पर मां की भूमिकाओं के लिए मशहूर हैं।

रत्ना पाठक ने कहा- मैं खुद के लिए नहीं बनाती फ़िल्में

रत्ना पाठक बोली- पसंद आने को ध्यान में रखकर भूमिका नहीं निभानी चाहिए

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें माया साराभाई जैसी भूमिकाओं के लिए अतिरिक्त प्रयास करना पड़ा था, रत्ना ने कहा, “किसी को लोगों को पसंद आने को ध्यान में रखकर भूमिका नहीं निभानी चाहिए। आपको कभी पता नहीं होता की दर्शक क्या पसंद करेंगे। इसलिए बेहतर यही है कि आप उसी तरह किरदार को निभाएं, जिस तरह उसे लिखा गया है।”

वह हास्य सीरीज ‘साराभाई वर्सेज साराभाई : टेक 2′ में दिखाई देंगी। यह पूछने पर किया क्या वह खुद को इस किरदार माया साराभाई जैसा पाती हैं, उन्होंने कहा, “समानताएं हैं और मुझे लगता है कि एक कलाकार के रूप में हम अपने सभी किरदार में अपने व्यक्तित्व की झलक पाते हैं। असल जिंदगी में भी मैं माया जैसी हूं। हां, यह जरूर है कि मैं वह सब कुछ नहीं बोलूंगी जो माया बोलती है।” साराभाई वर्सेज साराभाई : टेक 2′ का प्रसारण 16 मई से शुरू होगा। रत्ना को इस बात की खुशी है कि भारतीय मनोरंजन उद्योग में पुराने कलाकारों के लिए अब भी किरदार लिखे जा रहे हैं।

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