ताशकंद । शिव थापा एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बनने से चूक गए। चौथी वरीयता प्राप्त थापा (60 किग्रा) और सुमित सांगवान (91 किग्रा) को शनिवार को फाइनल में हारकर रजत से ही संतोष करना पड़ा। हालांकि थापा के नाम एक अनूठी उपलब्धि जुड़ गई। वह एशियन चैंपियनशिप में लगातार तीन पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गए। उन्होंने 2013 में स्वर्ण और 2015 में कांस्य पदक जीता था। 23 वर्षीय मुक्केबाज ने यह दोनों पदक बेंटमवेट वर्ग (54 किग्रा) में जीते थे। पिछले वर्ष दिसंबर से लाइटवेट वर्ग में खेलने वाले असम के मुक्केबाज का यह इस वर्ग में पहला अंतरराष्ट्रीय पदक है।
सिर में लगी चोट : थापा का खिताब के लिए सामना स्थानीय मुक्केबाज और दूसरे वरीय एलनूर अब्दुरैमोव से था। वह जजों के विभाजित फैसले से हार गए क्योंकि अपने प्रतिद्वंद्वी के हेडबट से उन्हें चोट लग गई। शुरुआती दौर के अंतिम कुछ सेकेंड में शिव को यह चोट लगी, जिससे रेफरी ने बाउट रोक दी।
सुमित सांगवान को फाइनल में कजाखिस्तान के शीर्ष वरीय वेसिली लेविट से हार मिली। सांगवान ने पहली बार एशियन चैंपियनशिप में कोई पदक जीता।
विश्व चैंपियनशिप से चूके गौरव व मनीष: गौरव विधूड़ी (56 किग्रा) जापान के रयोमी तनाका से, जबकि मनीष पंवार (81 किग्रा) पाकिस्तान के अवेस अली खान से बाक्स ऑफ का