नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अगले 2 सालों में 10 लाख घर बनाने के लिए शहरी विकास मंत्रालय से हाथ मिलाएगा। शनिवार को यह जानकारी केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने दी है। उन्होंने बताया कि यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साल 2022 तक सबको घर दिए जाने के सपने के तहत किया गया है। दत्तात्रेय ने कहा कि हमने ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स को फेस के हिसाब से घर उपलब्ध कराने के लिए ग्रुप इंश्योरंस हाउसिंग स्कीम शुरू की है।
ईपीएफओ अगले 2 सालों में बनाएगा 10 लाख घर
ईडब्ल्यूएस के लिए ब्याज पर 2.2 लाख रुपए सब्सिडी
दत्तात्रेय ने कहा कि शहरी विकास मंत्रालय से इस संबंध में बातचीत जारी है कि वह स्कीम में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस)को इन घरों के लिए ब्याज पर सब्सिडी के तौर पर 2.2 लाख रुपए उपलब्ध कराए।
दत्तात्रेय ने कहा कि इसी तरह ईपीएफओ में मध्यम आय, निम्र आय वर्ग के ग्राहकों को 6 से 12 लाख तक के लोन अमाउंट में ब्याज पर 3 फीसदी सब्सिडी और 18 लाख रुपए तक के लोन पर ब्याज पर 4 फीसदी सब्सिडी उपलब्ध कराएगी। दत्तात्रेय ने कहा कि राज्य सरकारों से 10 लाख आवास बनाने के लिए जमीन मुहैया कराए जाने का भी आग्रह किया गया है।
यह है 2022 तक सबको आवास योजना
2022 तक सबको घर देने की योजना के तहत आवंटित मकान या तो परिवार की प्रमुख महिला के नाम होगा या प्रमुख पुरुष और उसकी पत्नी के नाम संयुक्त रूप से होगा। योजना के तहत अनुमानित दो करोड़ मकान बनेंगे।