इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक बुंदेलखंड में चार सौ करोड़ साल पुराने पत्थर, बहुमूल्य धातुओं और खनिजों की खोज करेंगे। विश्वविद्यालय के अर्थ एंड प्लेनेटरी साइंस विभाग के प्रो. जेके पति को अर्थ साइंसेज मंत्रालय ने 70.73लाख रुपये का प्रोजेक्ट प्रदान किया है। प्रो. पति ने बताया कि उनकी टीम बुंदेलखंड में 400 करोड़ साल पुराना पत्थर भी खोज रही है। सफलता जल्द मिलने की संभावना है। प्रो. जेके पति ने बताया कि पृथ्वी की उम्र 45 सौ करोड़ साल की है। अब तक ऑस्ट्रेलिया और झारखंड के सिंघुम में चार सौ करोड़ साल पुराने पत्थर के अवशेष मिले हैं। प्रारंभिक शोध में बुंदेलखंड इलाके से कुछ ऐसे पत्थर मिले हैं, जिनके 35 सौ करोड़ साल पुराने होने के संकेत मिल रहे हैं। बबीना, महोबा, बांदा पठारी क्षेत्रों में कभी समुद्र हुआ करता था और समुद्र में ज्वालामुखी भी था। ज्वालामुखी होने के कारण वहां के भूभाग एक-दूसरे के नीचे चले गए। वहां प्रचुर मात्रा में खानिज मिलने के संकेत हैं।
डॉ. जेके पति ने बताया कि वह और उनकी टीम वर्ष 1992 में इस दिशा में काम कर रही है। खनिजों की खोज का दायरा 29 हजार वर्ग किलोमीटर है। प्रो. पति के अनुसार ललितपुर से लेकर ग्वालियर के कुछ पहले तक,बबीना के पश्चिम से लेकर बांदा एवं महोबा तक और खजुराहो से लेकर झांसी तक शोध किया जा रहा है। इस शोध में आइसो डायनिमिक सेपरेटर नाम के उपकरण की मदद ली जाएगी। इस मशीन की मदद से पत्थर से मिनिरल को अलग किया जाएगा और इससे पत्थर की उम्र का पता लगाया जा सकेगा।