दुनिया के तीसरे सबसे ऊंचे पर्वत कंचनजंगा पर शिखर चढ़ाई करने के दौरान एक भारतीय पर्वतारोही की मौत हो गई, पर्वतारोहण अभियान के आयोजक की तरफ से यह जानकारी दी गई।
मार्च में शुरू हुए मौजूदा चढ़ाई के मौसम के दौरान नेपाल हिमालय पर मौत की यह तीसरी खबर है।
अभियान का आयोजन करने वाली हाइकिंग कंपनी के एक अधिकारी निवेश कार्की ने कहा कि 52 वर्षीय नारायणन अय्यर की गुरुवार को 8,586 मीटर (28,169 फीट) की चोटी पर पहुंचने की कोशिश के दौरान समुद्र तल से लगभग 8,200 मीटर (26,900 फीट) की ऊंचाई पर मौत हो गई। महाराष्ट्र के रहने वाले नारायणन अय्यर की भारत-नेपाल सीमा पर स्थित दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर चढ़ाई के दौरान मौत हो गई।
गाइड ने वापस लौटने की दी थी सलाह
कार्की ने मौत की पुष्टि करते हुए कहा, ‘अय्यर के गाइड ने उन्हें अस्वस्थ महसूस होने के बाद वापस लौटने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।’यह इस मौसम में कंचनजंगा पर्वत पर किसी पर्वतारोही की जान जाने का यह पहला मामला है।
पिछले महीने एक यूनानी पर्वतारोही और एक नेपाली शेरपा गाइड की अन्य चोटियों पर मौत हो गई थी।
आयोजक नारायणन अय्यर के शव को ऊंचाई से लाने का प्रयास कर रहे हैं। सबसे ज्यादा ऊंचाई वाले इस क्षेत्र को ‘डेथ जोन’ कहा जाता है।
पहाड़ पर चढ़ना मुख्य पर्यटन गतिविधि है और नेपाल में आय के साथ-साथ रोजगार का एक प्रमुख स्रोत है, जिसमें माउंट एवरेस्ट सहित दुनिया के 14 सबसे ऊंचे पहाड़ों में से आठ हैं।
मई में समाप्त होने वाले मौजूदा सत्र के दौरान 900 से अधिक विदेशी पर्वतारोहियों को माउंट एवरेस्ट सहित नेपाल में 26 हिमालय की चोटियों पर चढ़ने की अनुमति मिली है। नेपाल ने इस साल 68 विदेशी पर्वतारोहियों को कंचनजंगा पर्वत पर चढ़ने के लिए परमिट जारी किया है।