पेगासस जासूसी मामले और नए कृषि कानूनों को लेकर संसद में गतिरोध कायम है। संसद में विपक्ष का हंगामा जारी है जिसकी वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही नहीं चल पा रही है। हालांकि इस बीच कुछ विधेयक पारित भी हुए हैं। इस पर भी विपक्ष का आरोप है कि सरकार बिना चर्चा कराए जल्दबाजी में विधेयक पास करा रही है। विपक्ष के इन्हीं आरोपों पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करारा जवाब दिया। निर्मला सीतारमण ने कहा कि विपक्ष खासकर कांग्रेस को अपना रिकॉर्ड भी देख लेना चाहिए।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि विपक्ष ऐसा बोल रहा है कि जल्दबाजी में बिल पास कर रहे हैं। साल 2007 में विपक्ष ने कम से कम 11 बिल जल्दबाजी में पास कराए। इसके बाद साल 2011 में संविधान विधेयक को भी जल्दबाजी में पास करा लिया तब यूपीए सत्ता में था। यहां तक कि कपिल सिब्बल ने भी माना था कि हमने जल्दबाजी में बिल पास कराए हैं। पीयूष गोयल और प्रहलाद जोशी बार-बार कह रहे हैं कि हम बात करने के लिए तैयार हैं। फिर भी विपक्ष हमें कह रहा है कि जल्दबाजी में बिल पारित कराए जा रहे हैं। थोड़ा अपना रिकॉर्ड भी निकालकर देखें…
वित्त मंत्री सीतारमण का बयान विपक्ष के उन आरोपों पर सामने आया है जिसमें कहा गया है कि सरकार आनन फानन में विधेयकों को पारित करा रही है। लोकसभा में कांग्रेस ससंदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को कहा था कि संसद में गतिरोध के बीच सरकार आनन-फानन में औसतन सात मिनट में एक विधयेक पारित कर रही है। आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने भी टैक्स सुधार संशोधन बिल पेश किए जाने का विरोध किया था। यही नहीं टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने भी सरकार पर आपाधापी में विधेयकों को पारित कराने का आरोप लगाया था।
उल्लेखनीय है कि पेगासस जासूसी मामला और नए कृषि कानूनों को लेकर विपक्षी सदस्यों ने शुक्रवार को भी संसद में जमकर हंगामा किया। हंगामे के कारण शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब 12 बजकर 25 मिनट पर दिन भर के लिये स्थगित कर दी गई। हालांकि विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही लोकसभा ने कराधान विधि (संशोधन) विधेयक 2021 और केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2021 को मंजूरी दे दी। हंगामे के बीच ही केंद्रीय मंत्रियों ने संबंधित मंत्रालयों से जुड़े पूरक सवालों के जवाब दिए।