पश्चिम बंगाल में चुनावी संग्राम में बयानबाजी तेज है। इसी क्रम में बुधवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तृणमूल कांग्रेस और प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा।
इससे पहले नड्डा ने भारतीय संविधान के निर्माता, भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब की राष्ट्रीयता की भावना से प्रेरणा लेकर समाज में काम करने के लिए हम कृत संकल्पित हैं।
नड्डा ने कहा कि पश्चिम बंगाल के बनगांव उत्तर विधानसभा में हुए रोड शो में भाजपा की जीत की हुंकार सुनकर ममता दीदी की घबराहट और बढ़ने वाली है। जनता ने अत्याचारी तृणमूल कांग्रेस को उखाड़ फेंकने का निश्चय कर लिया है। जेपी नड्डा ने बुधवार को बंगाल की मंगलकोट विधानसभा में जनसभा को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि ये बंगाल की साहसी जनता है जो दीदी की भभकियों, अत्याचार और आक्रमण से पीछे हटने वाली नहीं है। हम प्रजातांत्रिक तरीके से ममता दीदी के 10 साल से चल रहे कुशासन को मुंहतोड़ जवाब देंगे और भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि बंगाल में दलित भाइयों पर टीएमसी के गुंडे हमले करते हैं, टीएमसी सरकार की तरफ से काई कार्रवाई नहीं होती। दलित भाइयों को घबराने की जरूरत नहीं है, 2 मई के बाद परिवर्तन आएगा। टीएमसी के नेताओं ने दलितों का इतना अपमान किया, लेकिन वोट बैंक की राजनीति करने वालों ने इसका विरोध नहीं किया। वे मौन क्यों हैं?
आज हम भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मना रहे हैं। उन्होंने हमेशा छूआ-छूत के खिलाफ लड़ाई लड़ी, सभी को साथ लेकर चले, राष्ट्रवाद से ओत-प्रोत रहे, बहुत तकलीफें सहीं, भारत को उन्होंने जो संविधान दिया, वो हमें हमेशा प्रेरणा देता है।
संविधान की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है, लेकिन यहां की मुख्यमंत्री कहती हैं कि फलाने समुदाय एकत्र हो जाओ और दूसरे लोगों को घेर लो। क्या ऐसा नेतृत्व बंगाल को चाहिए? ये समाज को एकजुट रख पाएंगे क्या? इन्हें घर बैठाना चाहिए या नहीं?
बंगाल जिसने पिछले 10 सालों में अनाचार, अत्याचार देखा है, लेकिन बंगाल की जनता थकी नहीं है। बंगाल की जनता ने कमल के निशान पर बटन दबाकर नया बंगाल, सोनार बांग्ला, आशोल पॉरिबोर्तन की तरफ बढ़ना तय किया है।
उन्होंने कहा कि ममता जी ने इस चुनाव में जितनी भी बातें कही गई, वो सारी बातें जनता को गुमराह करने के लिए कहा गया। मुझे खुशी है कि बंगाल की जनता ने ममता जी की कही एक-एक बात को नकार दिया है और कमल खिलने का निश्चय किया है।
ममता जी ने मोदी जी और अमित शाह जी के लिए जो बोला, वो बंगाल की संस्कृति है क्या? मेरे नाम के साथ ममता जी ने अनेकों अलंकार लगाएं, वो बंगाल की संस्कृति है क्या? बंगाल की संस्कृति का भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता रक्षक है और उसको आगे बढ़ाने वाला है।