बरसाना की तंग गलियों में नंदगांव के हुरियारों पर अपनी प्रेमपगी लाठियां बरसाने को हुरियारिन उत्सुक हैं। कहावत है कि नंदलाल बिना बरसाना की होली कैसे। नंदलाल को होली का निमंत्रण देने के लिए राधारानी की सखी सोमवार को नंदभवन जाएंगी। इसके चलते होली का निमंत्रण स्वीकृति के बीच श्रीजी के आंगन में बरसेंगे लड्डू।गिरधर की होली लीला का रसास्वादन भला कौन न करना चाहेगा। बरसाने व नंदगांव की रंगीली गलियों में रंगो का पर्व मनाने की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। हुरियारे और हुरियारिनें उत्साह से लबरेज हैं। सबको इंतजार है बरसाना से नंदगांव जाने वाले होली के आधिकारिक निमंत्रण और वहां से आने वाली स्वीकृति का। इसके बाद शुरू हो जाएगी ब्रज की होली जो लड्डुओं से शुरू होकर रंग गुलाल, लाठी-ढाल तक खेली जाएगी।
लठामार रंगीली होली से ठीक एक दिन पहले लाडली जी के निज महल से होली का निमंत्रण नंदभवन में भेजा जाएगा। परंपरानुसार वृंदावन की राधादासी सखी निमंत्रण लेकर सोमवार सुबह बरसाना से नंदगांव जाएंगी। करीब 37 सालों से राधा दासी सखी होली का न्योता लेकर नंदगांव जा रही हैं। राधा दासी से पहले उनके गुरु होली का न्यौता लेकर जाते थे। राधा दासी सखी अपने साथ एक हांडी भरकर गुलाल, प्रसाद, पान बीड़ा व इत्र फुलेल लेकर जाती हैं। इस गुलाल को नंदगांव के घर-घर वितरित किया जाता है। नंदभवन में राधा दासी सखी का भव्य स्वागत सत्कार किया जाएगा।
राधा सखी के होली निमंत्रण को स्वीकृति प्रदान करने के लिए नंदभवन से एक पांडा शाम को बरसाना आता है। राधा जी के निज महल में यह संदेशा लाने वाले दूत जिसे पांडा कहा जाता है। उसकी जमकर खातिर की जाती है। पांडा को इतने लड्डू खाने को दिए जाते हैं कि वो खुशी से बावरा हो नाचने लगता है और लड्डू खाने के बजाय लुटाने लगता है। देखते ही देखते लाडली जी मंदिर में टनों लड्डू लुटा दिए जाते हैं।