सचिन वाजे से महाराष्ट्र सरकार ने कई गंदे काम कराए है अभी उनका खुलासा होना बाकी है : केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद

एंटीलिया केस में परमबीर सिंह की चिट्टी के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उद्धव सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने पूछा कि सचिन वाजे को किसके दबाव में लाया गया. शिवसेना के, सीएम के या फिर शरद पवार के?

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रविशंकर प्रसाद ने महाराष्ट्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार का मामला नहीं है. यह ऑपरेशन लूट है. उन्होंने कहा कि रंगदारी एक अपराध है और अगर इस मामले में शरद पवार को ब्रीफ किया जा रहा है तो सवाल उठता है कि शरद पावर जब सरकार में नहीं है तो उन्हें किस बिनाह पर ब्रीफ किया जा रहा है. और एक सवाल यह भी उठता है कि शरद पवार ने अपने स्तर पर क्या कार्रवाई की? इस अपराध को रोकने के लिए और इस अपराध की छानबीन की.

उन्होंने कहा कि शरद पवार की खामोशी सवाल उठाती है. साथ ही उद्धव ठाकरे की शांति और सदन के अंदर और बाहर सचिन वाजे का डिफेंड करना. सचिन की हैसियात एक एएसआई है. जिसे क्राइम सीआईडी का चार्ज दिया गया है. यह अपने आप में आश्चर्य की बात है. प्रसाद ने आगे कहा कि एक तरफ सीएम डिफेंड करता है. दूसरी तरफ होम मिनिस्टर कहता है कि मुझे 100 करोड़ लाकर दो. यह काफी गंभीर मसला है. इस मामले की गंभीर और ईमानदार जांच जरूरी है. इस मामले की स्वतंत्र एजेंसी से जांच जरूरी है क्योंकि इसमें शरद पवार की भूमिका आएगा और मुंबई पुलिस की भूमिका आएगी. मुख्यमंत्री और होम मिनिस्ट से कई सवाल किए जा सकते हैं.

प्रसाद नेे कहा कि एक सवाल यह उठता है कि सचिन वाजे से महाराष्ट्र सरकार की तरफ से और कितने गंदे काम कराए गए.ये बात मैं इसलिए कह रहा है हूं क्योंकि एक इंस्पेक्टर को सीएम डिफेंड कर रहा यह मैंने देश में कही नहीं देखा है. आखिर सचिन वाजे को बचाने की क्या मजबूरी थी. सचिन वाजे के पेट में ऐसे क्या-क्या राज छिपे हैं. इस बात को समझना चाहिए. एक इंस्पेक्टर काफी सालों तक सस्पेंड रहने के बाद शिवसेना में लाया जाता है. उससे कई काम कराए गए. हमारी आशंका है कि पूरी महाराष्ट्र सरकार वाजे को बचा रही है क्योंकि उसके पास काफी राज छिपे हैं.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एक गंभीर सवाल यह भी है कि गृह मंत्री अनिल देशमुख पर उगाही के आरोप हैं. 100 करोड़ रुपये कलेक्ट करने की बात कहने का आरोप है तो ऐसे में सवाल उठता है कि देशमुख ये वसूली अपने लिए कर रहे थे या एनसीपी के लिए या उद्धव सरकार के लिए कर रहे थे? ये भी कहना कि 1700 बार और रेस्त्रां है सबसे दो चार लाख मांगों तो  चालीस पचास करोड़ तो आ ही जाएगा. ये सब कहना इसपर शरद पवार और उद्धव ठाकरे को जवाब देना होगा.

100 करोड़ टारगेट था मुंबई से तो पवार और ठाकरे साहब बताएं कि पूरे महाराष्ट्र से कितने का टारगेट था. और अगर एक मंत्री का ये टारगेट था तो फिर और मंत्रियों का टारगेट क्या था.  ये लूट की पराकाष्ठा है.  उन्होंने कहा कि इसे लूट कहते हैं.

रविशंकर प्रसाद ने उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि  ”आप बाला साहब ठाकरे के पुत्र हैं ना, जिन्होंने जय महाराष्ट्र शब्द बताया था. आपने कुर्सी के लिए बेईमानी की सरकार बनाई. अब आप अपने पिता जी की गरिमा पर क्या चोट पहुंचा रहे हैं. जय महाराष्ट्र जहां आप मुख्यमंत्री हैं. वहां करोड़ों रुपये की लूट हो रही है.” उद्धव सरकार शासन करने का नैतिक अधिकार खो चुकी है.

ये शासन की महाअघाड़ी नहीं है ये लूट की महाअघाड़ी है. ये कमाल का शासन है. बिहार में भी चारा घोटाले, अलकतरा घोटाले का मॉ़डल था  लेकिन ये मॉडल तो कमाल का है. मैं चाहता हूं मीडिया इस मामले को गंभीरता से ले. देश में भ्रष्टाचार के मामले उजागर करने में मीडिया ने अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि बीजेपी इस मसले को गंभीरता से उठाएगी और सड़क पर उतरेगी.

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