अयोध्या। रामनगरी को आध्यात्मिक मेगा सिटी बनाने के लिए तैयार हो रहे विजन डाक्यूमेंट में पर्यटक सुविधाओं के लिए सरयू के किनारे अवधपुरी नामक गांव बसाने की योजना है। इसमें सब कुछ वाल्मीकि रामायण थीम पर लगभग पांच एकड़ में 30 कॉटेज को विकसित किया जाएगा। यहां रामायण कालीन कल्प वृक्ष तो होंगे ही साथ ही मिट्टी के बर्तनों में चूल्हों पर बना भोजन केले के पत्ते पर परोसा जाएगा।
इतना ही नहीं मिट्टी के बने मंदिर में 24 घंटे भजनों का रसपान होगा। साथ ही परिसर में ही बने पुस्तकालय में धार्मिक नगरी अयोध्या व सनातन हिंदु धर्म से संबंधित सभी पुस्तकें मौजूद होंगी। यह पूरी परिकल्पना डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के एमबीए टूरिज्म के विद्यार्थियों ने की है।
अब इसको अयोध्या के विकास के विजन डाक्यूमेंट में शामिल किया जा रहा है। इसका प्रजेंटेशन मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री के सामने होगा। अयोध्या केे विश्वस्तरीय पर्यटन सिटी बनाने के लिए विजन डाक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है। इसमें समस्त सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, शैक्षिक व स्वयं सेवी संगठनों से अयोध्या के विकास के संबंध में राय ली जा रही है।
इसमें डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने पर्यटन विकास को लेकर एक बड़ी परिकल्पना दी है। इस परिकल्पना के अनुसार अयोध्या के गुप्तारघाट के नदी पार के इलाके में पांच एकड़ में पर्यटकों को लुभाने के लिए 30 कॉटेज बनाए जाएंगे। यह पूरा कॉटेज स्वास्तिक की मूल डिजाइन पर होगा।
इसके चारों चौकोर कोनों पर काटेज बनाए जाएंगे जबकि स्वास्तिक के मूल बिंदु पर भोजनालय, पुस्तकालय, थीम पार्क स्थापित किया जाएगा। साथ ही सरयू नदी के किनारे मंदिर बनाया जाएगा। सबसे खास बात यह होगी कि पूरे इलाके में सिर्फ मिट्टी व लकड़ी का प्रयोग किया जाएगा। भोजन मिट्टी के बर्तन में बनाने के साथ केले के पत्ते पर परोसा जाएगा।
पूरे इलाके को वाल्मीकि रामायण का लुक दिया जाएगा। इसमें वाल्मीकि रामायण काल के छोटे-छोटे वृक्ष लगाए जाएंगे। जिससे आसपास का वातावरण हमेशा शुद्ध बना रहे। नदी के किनारे योग मिट्टी के योगासन बनाए जाएंगे, जिससे लोग स्वच्छ हवा में सांस ले सकें। मंदिरों में 24 घंटे भजन की व्यवस्था की जाएंगी। थीम पार्क में रामायण से संबंधित सभी झलकियां दिखायी देंगी।
अवधपुरी नामक कॉटेज में सब कुछ धार्मिक थीम पर होगा। यहां पर्यटक पहुंचकर मिट्टी की खुशबू व स्वच्छ वातावरण में रह सकेंगे। इसके लिए पर्यटकों को फीस ली जाएगी। साथ ही कॉटेज में रुकने की व्यवस्था भी रहेगी। पर्यटकों के मद्देनजर यहां के कॉटेज वातानुकूलित होने के साथ अन्य आधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जाएगा।
इसमें पार्किंग समेत कॉटेज तक पहुंचने के लिए नाव की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इस सबके अलावा इसको इंटरनेट अन्य संचार सेवाओं से जोड़ा जाएगा। सरयू पार अवधपुरी कॉटेज बन जाने व पर्यटकों की आमद से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसमें सबसे महत्वपूर्ण रोजगार गुप्तारघाट के नाविकों को मिलेगा।
अभी आम तौर पर लोग सरयू के पार जाकर दिन बिताते हैं लेकिन कॉटेज के बन जाने से यहां पहुंचने वालों की संख्या में 100 गुना का इजाफा होगा। इससे नाविक समेत स्थानीय फूल, सब्जी सहित अन्य लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। अवध विवि के एमबीए विभागाध्यक्ष प्रो. अशोक शुक्ला व एमटीए विभाग के शिक्षक डॉ. महेंद्र पाल सिंह का मानना है कि यह अयोध्या की धार्मिक नगरी के रूप में विकसित करने की अच्छी थीम है।
यह विदेशी सैलानियों को रिझाने के साथ अपनी संस्कृति की व्याख्या करेगी। इसके प्रति लोग तो आकर्षिक होंगे ही साथ ही सरकार व स्थानीय लोगों की आय में भी इजाफा होगा। डॉ. महेंद्र पाल सिंह का मानना है कि इसके लिए एमटीए विभाग के मानस मौर्य, अपूर्वा, प्रियांशु त्रिपाठी, इसान सहित अन्य छात्रों का यह प्रोजेक्ट काबिल-ए-तारीफ है।
अयोध्या के विजन डाक्यूमेंट में अवध विवि की ओर से अवधपुरी नामक गांव में पर्यटन की दृष्टि से रामायण कालीन थीम पर कॉटेज बनाने का विचार पेश किया गया है। प्रस्ताव अच्छा है, इसको विजन डाक्यूमेंट में शामिल किया जा रहा है।-विशाल सिंह, वीसी अयोध्या विकास प्राधिकरण