अक्षर पटेल के लिए इंतजार काफी लंबा था और पिछले तीन साल से हर व्यक्ति उनसे बस एक ही सवाल पूछता था, ‘तुम भारतीय टीम में क्यों नहीं हो?’ 27 साल के अक्षर को हालांकि पता था कि उनका समय आएगा और वह कभी इससे विचलित नहीं हुए. उन्होंने कहा, ‘यह सब आत्मविश्वास की बात है.’
गुजरात के आणंद के रहने वाले पटेल मैकेनिकल इंजीनियर बनना चाहते थे, लेकिन स्कूल के एक दोस्त के कहने पर क्रिकेट खेलने लगे. इंग्लैंड के खिलाफ दिन-रात के तीसरे टेस्ट में रिकॉर्ड 11 विकेट लेकर बाएं हाथ के इस स्पिनर को वह बड़ा ब्रेक मिल गया, जिसकी उन्हें 7 साल से तलाश थी .
उन्होंने 7 साल पहले बांग्लादेश के खिलाफ वनडे क्रिकेट में पदार्पण किया था. उस दिन के बाद से टीम में वह स्थाई जगह नहीं बना सके, क्योंकि स्पिन हरफनमौला के रूप में रवींद्र जडेजा की जगह पक्की थी. इस सीरीज में भी जडेजा के चोटिल होने के कारण उन्हें मौका मिला. वह 2018 से राष्ट्रीय टीम से बाहर हैं और इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में दूसरे टेस्ट में उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया.
अक्षर ने हार्दिक पंड्या को बीसीसीआई टीवी के लिये इंटरव्यू में बताया, ‘मैं अपने खेल के पहलुओं पर मेहनत करता रहा. मैंने अपनी गेंदबाजी और बल्लेबाजी पर काफी मेहनत की.’
उन्होंने कहा, ‘जब आप टीम से बाहर होते हैं तो दोस्त और दूसरे लोग बार-बार पूछते हैं कि अच्छा प्रदर्शन करने पर भी टीम में क्यों नहीं हो. ये चीजें दिमाग में आती रहती हैं.’ उन्होंने कहा, ‘मैं खुद से यही कहता था कि मौके का इंतजार करो और जब भी मौका मिलेगा, मैं अपना शत प्रतिशत दूंगा.’
अक्षर 15 साल की उम्र में स्कूल के एक दोस्त के कहने पर क्रिकेट में आए. उनकी दादी ने उनका पूरा साथ दिया, लेकिन उनके भारतीय टीम में आने से पहले ही दादी का देहांत हो गया.
उन्होंने कहा, ‘मैं पूरा श्रेय अपने परिवार, दोस्तों और साथी खिलाड़ियों को दूंगा जिन्होंने कठिन समय में मेरा साथ दिया.’ यह पूछने पर कि क्या उन्हें टेस्ट क्रिकेट आसान लगा, अक्षर ने कहा, ‘मुझसे हर कोई यह सवाल पूछ रहा है. जब चीजें अनुकूल हों तो आसान लगता है, लेकिन जब आप फुलटॉस चूक जाएं, तो पता चलता है कि यह कितना आसान है.’
इंटरव्यू के आखिर में भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी अक्षर के प्रदर्शन की गुजराती में तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘ऐ बापू तारी बॉलिंग कमाल छे (बापू तुम्हारी गेंदबाजी शानदार है).