केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ तीन महीने से दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन जारी है. इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा था कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को जारी रखने के लिए किसानों को अपनी एक फसल का बलिदान देने के लिए तैयार रहना चाहिए.
मुजफ्फरनगर के थाना खतौली कोतवाली क्षेत्र के गांव भैंसी में एक किसान ने कृषि कानून के विरोध में अपनी 8 बीघा गेहूं की खड़ी फसल में ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया. इस घटना की जानकारी होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैट ने किसान से अपील कि है कि वे ऐसा नहीं करें.
उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘किसान से अपील है कि ऐसा मत करें. यह करने ले लिए नहीं कहा गया था.’
बता दें कि हरियाणा में हिसार के एक गांव में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा था कि सरकार कह रही है किसान अब गेहूं की फसल की कटाई के लिए गांवों को वापस लौट जाएंगे.
उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आप लोगों से कहना चाहता हूं कि अगर जरूरत पड़ी, तो आपको अपनी एक फसल का बलिदान देने के लिए तैयार रहना चाहिए. आपको अपनी खड़ी फसल को जलाने के लिए तैयार रहना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम मजदूरों से फसल कटवाएंगे और नुकसान में भी बेचेंगे. फसल और आंदोलन दोनों एक साथ होना एक बहुत बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि भीड़ भी कम ना हो, आंदोलन भी चले और फसल की कटाई भी साथ-साथ हो यह बड़ा चुनौती है.
किसान नेता ने कहा कि तैयारी की जा रही है कि आंदोलन चलता रहे और फसल को भी नुकसान न हो. हर जगह 20 से 25 दिनों का फसल का चक्र होता है. जिस जगह में फसल चक्र होगा, वहां के लोग नहीं आएंगे दूसरे जगह से लोग आएंगे.
पहले मध्य प्रदेश के क्षेत्र किसान आएंगे. फिर सहारनपुर और अलीगढ़ की तरफ से किसान आएंगे. भौगोलिक हिसाब से हम आंदोलन तय करेंगे. एक फसल की कुर्बानी देने के लिए हम तैयार हैं. सरकार अपने मन से गलतफहमी निकाल दे. आंदोलन तभी खत्म होगा, जब बिल वापसी होगी और एमएसपी लागू होगी.