प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पश्चिम बंगाल सरकार पर केंद्र की योजनाओं का लाभ राज्य की जनता को नहीं देने का आरोप लगाने के दूसरे दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पलटवार किया। ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार ने 2.5 लाख किसानों के नाम पीएम सम्मान निधि योजना के लिए भेजे थे। हम जानना चाहते हैं कि इन्हें अब तक कोई नकद लाभ क्यों नहीं दिया गया।

ममता बनर्जी ने राज्य विधानसभा को बताया कि राज्य सरकार को केंद्र की ओर से छह लाख आवेदकों की सूची सत्यापन के लिए मिली थी, इनमें से 2.5 लाख किसानों के नाम केंद्र को केंद्र के कल्याण कार्यक्रम में मदद के लिए भेजे गए थे।
सदन में लेखानुदान पेश करते हुए मुख्यमंत्री बनर्जी ने राज्य के किसानों को अपनी कृषक बंधु योजना के लिए सहायता राशि बढ़ाकर छह हजार रुपये कर दी। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार राज्य में 19 औद्योगिक परियोजनाओं की शुरुआत करेगी जिसमें 72,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा और इससे 3.29 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
विधानसभा में पांच फरवरी को लेखानुदान पेश किया गया था जिस पर चर्चा के दौरान उठाए गए प्रश्नों का बनर्जी जवाब दे रही थीं।बंगाल के किसानों को पहले कृषक बंधु स्कीम में राज्य सरकार 5000 रुपये सालाना देती थी, अब यह राशि बढ़ाकर 6000 रुपये कर दी गई है। बता दें केंद्र सरकार भी पीएम सम्मान निधि के तहत इतनी ही राशि देशभर के पात्र किसानों को तीन किस्तों में देती है। केंद्र सरकार की योजना में छोटे व सीमांत कृषकों को सम्मान निधि दी जाती है।
बता दें, पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को हल्दिया में रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि पश्चिम बंगाल सरकार राज्य के लोगों को आयुष्मान भारत व पीएम किसान सम्मान निधि जैसी केंद्रीय योजनाओं का लाभ नहीं दे रही है। राज्य में भाजपा की सरकार बनी तो पहली कैबिनेट बैठक में इन योजनाओं का लाभ देने का निर्णय लेंगे।
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