नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क से निकलने वाली ऋषिगंगा के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में टूटे हिमखंड से बाढ़ आ गई है और इस कारण धौलगंगा घाटी और अलकनन्दा घाटी में नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है. इससे ऋषिगंगा और धौली गंगा के संगम पर स्थित रैणी गांव के समीप स्थित एक निजी कम्पनी की ऋषिगंगा बिजली परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा है.
ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट बिजली उत्पादन के लिए चलाया जा रहा एक प्राइवेट प्रोजेक्ट है. इस प्रोजेक्ट को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा था. हालांकि यहां पर बिजली उत्पादन शुरू हो गया था. यहां पर पानी से बिजली पैदा करने का कम चल रहा था. यह प्रोजेक्ट ऋषि गंगा नदी पर बनाया गया है और यह नदी धौली गंगा में मिलती है.
उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को ग्लेशियर टूटने से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई है. इससे ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को काफी नुकसान पहुंचा है. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार पावर प्रोजक्ट में काम कर रहे 150 मजदूर गायब हैं.
ऋषि गंगा हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट मुख्य रूप से रैणी गांव में चलाया जा रहा है. इसके जरिए बड़े स्तर पर बिजली बनाने का लक्ष्य है, जिससे उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों को बिजली दी जा सके. फिलहाल प्रोजेक्ट को कितना नुकसान हुआ है इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है.
बता दें, उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक विकराल बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है. मौजूदा स्थिति को देखते हुए गढ़वाल क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घटना को लेकर कहा कि नदी के बहाव में कमी आई है, जो राहत की बात है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है. रावत ने ट्वीट किया, ‘राहत की खबर ये है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है.
नदी का जलस्तर सामान्य से अब एक मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है. राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी एवं मेरी समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नज़र रख रही है.’
नदियों में आई बाढ़ के बाद गढ़वाल क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है और चमोली जिले के निचले इलाकों में खतरा देखते हुए राज्य आपदा प्रतिवादन बल और जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है.