उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही हुई है. जिले के रेणी गांव के पास ग्लेशियर टूटा है. प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो चुकी है. इसमें कई ग्रामीणों के घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. ग्लेशियर धोली नदी के किनारे किनारे बह रहा है. इसमें 50 लोगों के बहने की आशंका जताई जा रही है. आईटीबीपी के 200 से ज्यादा जवान बचाव कार्य में जुटे हुए हैं. वहीं हरिद्वार, ऋषिकेष और श्रीनगर में अलर्ट जारी किया गया है.
चमोली जिले के रैणी गांव के ऊपर वाली गली से ग्लेशियर टूट गया है जिस कारण यहां पावर प्रोजेक्ट ऋषि गंगा को भारी नुकसान हुआ है. साथ ही धौलीगंगा ग्लेशियर की तबाही के साथ तपोवन में बैराज को भी भारी नुकसान की सूचना मिल रही है. प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है. अभी स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाई है कि इस तबाही में कितना नुकसान हो पाया है.
इस घटना में जाल माल का बड़ी संख्या में नुकसान होने की आशंका है. ये घटना सुबह आठ से नौ बजे के बीच की है. इस घटना को लेकर प्रशासन अलर्ट हो चुका है. एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंचना शुरू हो गई हैं. ये ग्लेशियर चमेली होते हुये ऋषिकेश तक पहुंचेगा. जोशीमठ, श्रीनगर तक हाई एलर्ट किया गया है.
चमोली के जिलाधिकारी ने अधिकारियों को धौलीगंगा नदी के किनारे बसे गांवों में रहने वाले लोगों को बाहर निकालने का निर्देश दिया है. जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौके के लिए निकल चुके हैं. चमोली पुलिस ने लोगों को अलर्ट किया है. पुलिस ने कहा कि आम जनमानस को सूचित किया जाता है कि तपोवन रेणी क्षेत्र में ग्लेशियर आने के कारण ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को काफी क्षति पहुंची है. इससे नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिस कारण अलकनंदा नदी किनारे रह रहे लोगों से अपील है, जल्दी से जल्दी सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं.
इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, ‘चमोली जिले से एक आपदा की सूचना मिली है. जिला प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रबंधन विभागों को स्थिति से निपटने के लिए निर्देश दिया गया है. किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें. सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है.’