लखनऊ। ‘जब मेरे सब गीत गजलें प्रेम की बौछार करते हैं, तमन्नाओं के गुलशन गुले गुलजार करते है, मैं मुस्लिम हूं फिर भी यह सोच के चली आयी, प्रभु श्रीराम दुनिया में सभी से प्यार करते है…’ जब ये पंक्तियां निखत अमरोही ने पढ़ीं तो तालियों की गड़गड़ाहट से पांडाल गूंज उठा। 7 फ़रवरी तक होगा अवध शिल्पग्राम में चल रहे हुनर हाट का आयोजन.
मौका था शुक्रवार को अवध शिल्पग्राम में चल रहे हुनर हाट में आयोजित कवि सम्मेलन का, जहां धार्मिक सौहार्द की अनूठी मिसाल भी देखने को मिली। इससे पहले मुमताज नसीम ने सरस्वती वंदना गीत ‘सरस्वती मां तेरे चरणों में अर्पण मेरे दो जहां…’ से कार्यक्रम की शुरुआत की।
पद्मश्री डॉ. सुनील जोगी ने हास्य कविताओं से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। उन्होंने ‘ये दिल तुम्हारे प्यार में हारे हुए मिलेंगे…’ कविता सुनकर युवाओं के दिल में गुदगुदी की। इसके बाद ‘इंसान क्या जिसमें स्वाभिमान नहीं है, वो गीत क्या जिसमें कोई तान नहीं है…’, ‘कवि हंसाने आ गए हैं आप मुस्कुराइये…’ कविताओं से खूब हंसाया। कानपुर के हेमंत पांडेय ने किस्सा सुनाया कि हमारे यहां के नेता भी किसी से कम नहीं है। विधायक जी ने पौधा लगाया जिसे एक बकरे ने खाया, शाम को विधायक ने उस बकरे को खाया… सुनाकर तालियां लूटी।
योगी जी वैक्सीन आप के हाथ से लगाएंगे… पर भी श्रोताओं ने खूब ठहाके लगाए। मंच का संचालन कर रहे शंभू शिखर ने लखनऊ के बारे में कहा कि यह एक ऐसा शहर है जहां बल्ब लगाने के लिए 19 लोग लगते हैं। एक बल्ब लगाते हैं 18 लोग बोलते हैं वाह वाह क्या बल्ब लगाया है। जिस पर लोगों ने खूब मजे लिए। गौरव शर्मा ने कभी सोचा था कि ऐसा समय आएगा कि लीवर से ज्यादा अल्कोहल हाथों को नसीब होगा… सुनाकर तालियां बटोरीं।
कवि सम्मेलन में मंजर भोपाली, डॉ. नसीम निखत, महेंद्र अजनबी, डॉ. प्रवीण शुक्ल, पद्मिनी शर्मा, मुमताज नसीम, पॉपुलर मेरठी ने भी अपनी प्रस्तुतियों से समां बांधा।