उत्तर प्रदेश में अपने खिलाफ दर्ज कई एफआईआर रद्द करने की गुहार लगाते हुए आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है. सिंह ने ये विशेष अनुमति याचिका यानी SLP इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने को दाखिल की है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 21 जनवरी को दिए फैसले में सिंह के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से साफ इनकार कर दिया था.
अब तक प्रकाशित सुप्रीम कोर्ट की कार्यसूची के मुताबिक दो फ़रवरी को जस्टिस अशोक भूषण की अगुआई वाली पीठ इस पर सुनवाई करेगी. संजय सिंह का पक्ष सीनियर एडवोकेट और कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सांसद विवेक तंखा कोर्ट के सामने रखेंगे. पिछले साल 12 अगस्त को संजय सिंह ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कुछ जातियों को लेकर राज्य सरकार पर की गई उनकी टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कई जिलों में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थीं. सिंह ने सरकार पर कुछ जातियों के लोगों से भेदभाव और कुछ जातियों को बढ़ावा देने का कथित इल्जाम लगाया था.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एसएलपी के मुताबिक आप नेता ने लखनऊ, संत कबीर नगर, खीरी, बागपत, मुजफ़्फरगर, अलीगढ़, बस्ती सहित कई नगरों कस्बों में उस बयान के आधार पर उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराए जाने की जानकारी मिली है. लेकिन उनके बयान को मनमाने ढंग से तोड़-मरोड़ कर रखा गया है.
राजनीतिक दुर्भावना और बदले कि मंशा से ये सब किया जा रहा है. ताकि वो और उनके राजनीतिक सहयोगी परेशान हों. लिहाज़ा कोर्ट गलत मंशा से दर्ज कराई गई FIR रद्द करने का आदेश कोर्ट जारी करे ताकि उनको न्याय मिल सके.