ब्राजील के शहर अमेजन में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। नए मामलों में तेजी को देखते हए शनिवार को राज्य के गवर्नर विल्सन लीमा के सात दिनों के लिए नए प्रतिबंधों की घोषणा की है। सोमवार से ये प्रतिबंध अगले सात दिनों के लिए लागू हो जाएगा। इसके तहत अनावश्यक आवाजाही और गैर-जरूरी गतिविधियों को रोक रहेगी।
संवाददाता सम्मेलन में राज्यपाल ने कहा कि लोगों की आवाजाही पर रोक लगाने का मतलब यह नहीं है कि उनके अधिकारों में कटौती की जाएगी। इस दौरान लोग अति आवश्यक कार्यों से बाहर जा सकेंगे। इसमें डॉक्टर के पास जाने और सुपरमार्केट से सामान खरीदने पर छूट रहेगी। इस दौरान सार्वजनिक परिवहन केवल आवश्यक श्रमिकों को उनकी कंपनियों में ले जाने के लिए खुला रहेगा।
अमेजन के सबसे बड़े शहर मनौस में कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित मरीजों के लिए आक्सीजन की भारी कमी हो गई है, जिसको देखते हुए सार्वजनिक मंत्रालय के एक अनुरोध के बाद यह घोषणा की गई है। स्थानीय स्वास्थ्य ढांचे पर भारी बोझ के कारण कोरोना वायरस से संक्रमित कई मरीजों को दूसरे राज्यों में भेजा गया है। राज्य में गंभीर स्थिति को देखते हुए पड़ोसी वेनेजुएला ने ऑक्सीजन आपूर्ति करने के लिए ट्रकों को भेजा है।
लीमा ने कहा, ‘यह लॉकडाउन नहीं है, बल्कि भीड़ को कम करने और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक उपाय है। भोजन खरीदने के लिए जल्दबाज़ी करने की ज़रूरत नहीं है।’ ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अमेजन राज्य ने वायरस के अब तक 2,48,561 मामले सामने आए हैं और 7,051 लोगों की मौत हो चुकी है।
वहीं, भारत से भेजी गई कोरोना वायरस टीके की 20 लाख खुराक ब्राजील सरकार को मिल गई हैं, लेकिन विशेषज्ञों ने कहा है कि दक्षिण अमेरिका के इस सबसे बड़े देश के लिए यह काफी नहीं है। ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित टीके की खेप साओ पाउलो पहुंच गई है। ब्राजील के जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक भारत से आई टीके की 20 लाख खुराक जरूरत के लिहाज से बहुत ही कम है। उन्होंने कहा कि 21 करोड़ की आबादी वाले देश में पहले ये टीके प्राथमिकता समूहों के लोगों को लगाए जाएंगे जिसके लिए अधिक खुराकों की आवश्यकता होगी, लेकिन एशिया से कच्चे माल की खेप आने में विलंब हो रहा है।