ब्रिस्बेन के गाबा मैदान पर नाबाद 89 रनों (138 गेंदों में) की पारी खेल भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले युवा बल्लेबाज ऋषभ पंत ने कहा है कि यह उनके जीवन का सबसे बड़ा पल है. ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 328 रनों का लक्ष्य रखा थी. टीम इंडिया ने मैच के अंतिम दिन मंगलवार को 7 विकेट खोकर हासिल कर लिया. पंत को उनकी बेहतरीन पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया.

पंत ने मैच के बाद कहा, ‘यह मेरे जीवन का अब तक सबसे बड़ा पल है. मैं इस बात से खुश हूं कि सपोर्ट स्टाफ और मेरी टीम के सभी साथियों ने तब मेरा साथ दिया, जब मैं खेल नहीं रहा था. यह सपने जैसी सीरीज रही है.
23 साल के पंत ने कहा, ‘टीम प्रबंधन ने हमेशा मेरा साथ दिया और हमेशा कहा कि आप मैच विजेता खिलाड़ी हो और आपको टीम के लिए मैच जीतने हैं. मैं हर दिन सोचता था कि मुझे भारत के लिए मैच जीतने हैं और यह मैंने आज किया.
भारत ने इस जीत के साथ चार मैचों की टेस्ट सीरीज 2-1 से अपने नाम करते हुए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने पास ही रखी है. टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में इतिहास रच दिया, वो भी ऐसे समय जब फिटेनस एक अहम मुद्दा था.
सीरीज में चोटिल खिलाड़ियों की कतार लंबी होती जा रही थी, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों के संकल्प पूर्ण प्रदर्शन ने ऑस्ट्रेलिया पर ऐसी जीत दिलाई, जिसे वर्षों याद रखा जाएगा.
टीम इंडिया ने न सिर्फ ब्रिस्बेन में 33 साल से अजेय चल रही ऑस्ट्रेलिया का विजय रथ रोका, बल्कि यहां सफलतापूर्वक सर्वोच्च लक्ष्य का पीछा किया. इससे पहले गाबा पर चौथी पारी में सर्वोच्च लक्ष्य का पीछा करके जीत 1951 में वेस्टइंडीज ने हासिल की थी, जब उसने 236 रन बनाए थे.
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