हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की जबना चौहान 21 वर्ष की उम्र में देश की सबसे युवा पंचायत प्रधान बनीं। ओरिएंटल फाउंडेशन की संस्थापक जबना ने प्रधान बनने के बाद पंचायत में शराबबंदी लागू की। इस पर उन्हें जान से मारने की धमकी भी मिली, लेकिन वह पीछे नहीं हटीं। उन्हें साल 2020 में सुपरवुमन अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
वर्ष 2018 में जबना चौहान का नाम देश की 100 प्रभावशाली महिलाओं में शामिल हुआ। जबना चौहान को दिल्ली में आयोजित समारोह के दौरान वुमन इनोवेटर संस्था ने यह सम्मान दिया।
जबना चौहान का नाम उस वक्त सुर्खियों में आया, जब वह वर्ष 2016 में 21 वर्ष और दो महीने की आयु में देश की सबसे युवा प्रधान बनीं और पंचायत में शराबबंदी लागू की। इस पर जबना चौहान को जान से मारने की धमकी भी मिली लेकिन वह पीछे नहीं हटीं। जबना ने क्षेत्र में अपनी पंचायत को जिले में नंबर वन पर पहुंचाया।
जबना चैहान ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वह महिलाओं के सशक्तीकरण और बेटियों की शिक्षा के लिए अपनी फाउंडेशन के माध्यम से काम कर रही हैं। हालांकि, वह इस बार पंचायत चुनाव नहीं लड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पंचायत चुनाव चल रहे हैं और ऐसे में युवाओं को अपने मतदान का उपयोग कर लोकतंत्र की मजबूती के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने युवाओं से अधिक से अधिक भागीदारी की अपील की।
मंडी जिले के गोहर ब्लॉक की थरजून पंचायत की इस युवा प्रधान को सराहनीय कार्यों के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंहए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सम्मानित कर चुके हैं।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जबना चौहान को सम्मानित कर चुके हैं। अभिनेता अक्षय कुमार ने भी गुड़गांव बुलाकर जबना चौहान को सम्मानित किया था। अक्षय कुमार ने उन्हें अपनी फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा’ के प्रमोशन इवेंट के दौरान नवाजा था।
हैदराबाद में हैवानियत की घटना और देश में महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार के खिलाफ दिसंबर 2019 को जबना चौहान दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठीं। जबना के साथ कई राज्यों से आए संगठनों व संस्थाओं के पदाधिकारी भी धरने में शामिल हुए। जबना चौहान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात के अहमदाबाद में तीन दिवसीय राष्ट्रीय युवा सम्मेलन युगांतर अवॉर्ड समारोह के दौरान सम्मान प्रदान किया गया।