मोबाइल एप से लोन देनेवालों की ED भी करेगी पूछ-ताछ, 3 चीनी सहित हुए 19 हिरासत में हुए

मोबाइल एप के जरिये लोन देने वाली कंपनियां अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रडार पर आ गई हैं। ये कंपनियां लुभावनी योजनाओं में जरूरतमंद लोगों को फंसाती हैं और फिर उनसे बहुत अधिक ब्याज के साथ पैसे वसूलती हैं। कंपनियों द्वारा कर्ज नहीं लौटाने वालों का मानसिक और सामाजिक उत्पीड़न किया जाता है। तेलंगाना में इसकी वजह से कई लोग खुदकुशी कर चुके हैं। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि ईडी पहले से ही 1,100 करोड़ रुपये के ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाले में मनी लांड्रिंग की जांच कर रही है। अब केंद्रीय एजेंसी ने इस जांच के दायरे में मोबाइल एप के जरिये तत्काल लोन देने वाली कंपनियों को भी शामिल कर लिया है।

ईडी तेलंगाना और तमिलनाडु में इन कंपनियों के खिलाफ दायर एफआइआर के आधार पर जांच करेगी। तेलंगाना पुलिस ने इस मामले में अब तक 50 मामले दर्ज किए हैं और 29 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें चीन के तीन नागरिक भी शामिल हैं। चेन्नई पुलिस ने भी हाल में उत्पीड़न की एक शिकायत के बाद चीन के दो नागरिकों समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है।

लोन लेने वालों के जानने वालों को करते हैं फोन

तेलंगाना पुलिस के मुताबिक, एप के जरिये लोन देने वाली कंपनियां उच्च ब्याज दर लोन देती हैं। प्रोसेसिंग फीस के नाम पर भी मोटी रकम वसूली जाती है। लोन लेने वालों के मोबाइल से उनके फोन नंबर, फोटो जैसे डाटा ले लेती हैं। लोन वापस नहीं करने वालों को काल सेंटर के जरिये फोन कर परेशान किया जाता है। उनके जान पहचान और रिश्तेदारों को भी फोन कर लोन वापस करने के लिए दबाव बनाया जाता है। इस तरह लोन देने वाली कंपनियों द्वारा मानसिक उत्पीड़न और ब्लैकमेल किया जाता है। इस परेशानी के चलते अब तक तेलंगाना में पांच लोग खुदकुशी कर चुके हैं, जिनमें एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर भी शामिल है। 

ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाले की भी ईडी कर रही जांच

ऑनलाइन सट्टेबाजी के मामले में ईडी ने एक चीनी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। तेलंगाना पुलिस की एफआइआर पर ही ईडी ने इस मामले की जांच शुरू की थी। इस मामले में कई कंपनियों, उनके निदेशकों और चार्टर्ड अकाउंटेंटों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं। इस रैकेट को चलाने वाले भी भारत के बाहर बैठे चीन के नागरिक ही हैं।

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