देश में बेसब्री से कोरोना वैक्सीन का इंतजार हो रहा है। लोगों तक सुविधाजनक तरीके से इसे पहुंचाने के लिए सरकार ने भी कमर कस ली है। पूरे देश में वैक्सिनेशन का ड्राई रन शनिवार को किया गया। इसमें 125 जिलों के 285 सेंटर शामिल थे। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि पहले फेज में कोरोना वैक्सीन 3 करोड़ लोगों के लिए फ्री मिलेगी। इनमें 1 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स और 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल होंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हमें वैक्सीनेशन के लिए चुनाव प्रक्रिया के आधार पर बूथ स्तर तक के लिए तैयारी की है। 719 जिलों के करीब 57,000 प्रतिभागियों ने अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली है। अबतक कुल 96,000 वैक्सिनेटर्स को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
ड्राई रन में सिर्फ वैक्सीन नकली थी, बाकी सब असली
इस ड्राई रन में सिर्फ वैक्सीन नकली थी, बाकी सब असली था। इसमें 125 जिलों के 260 से ज्यादा सेंटर शामिल थे। हर सेंटर में 25 लोगों को वैक्सीन की डमी डोज लगाई गई। ये एक तरह से कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत से पहले फाइनल रिहर्सल थी जिसके बाद अब जल्द ही असली वैक्सीनेशन की शुरुआत हो सकती है। ये ड्राई रन इसलिए भी महत्वपूर्ण था, क्योंकि देश को दो कोरोना वैक्सीन मिल गई हैं। एक का नाम है कोविशील्ड, जिसे सीरम इंस्टीट्यूट ने तैयार किया है और अब जल्द ही कोरोना वैक्सीनेशन की तारिख का ऐलान भी हो सकता है।
ब्लॉक स्तर तक गाइडलाइंस तय
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कोविड- 19 के लिए नैशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन ऐडमिनिस्ट्रेशन (NEGVA) के मार्गदर्शन में कई मंत्रालय और विभाग टीकाकरण अभियान में मदद के लिए जुटे हुए हैं। टीकाकरण को लेकर जारी एसओपी में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोऑर्डिनेशन मैकेनिज्म को राष्ट्रीय, राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर ऑलरेडी तय कर लिया गया है।
भारत को मिलेंगी चार करोड़ डोज
सूत्रों के अनुसार जिन पांच करोड़ डोज पर सेंट्रल ड्रग लेबोरेटरी की मुहर लगी है, उनमें से तीन करोड़ डोज सीधे तौर पर भारत को मिलेंगी। दो करोड़ डोज विश्व स्वास्थ्य संगठन को दी जानी है, जिनमें से एक करोड़ डोज विश्व स्वास्थ्य संगठन अपनी ओर से भारत को मुफ्त में देगा। इस तरह भारत के लिए चार करोड़ डोज बिल्कुल तैयार हैं। भारत बायोटेक को लेकर उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि हैदराबाद की कंपनी की ओर से उपलब्ध कराए गए ट्रायल के अतिरिक्त डाटा का विश्लेषण करने के बाद इसे इस्तेमाल के लिए सुरक्षित पाया गया। कोवैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल अभी जारी है। पहले और दूसरे फेज के ट्रायल में इस वैक्सीन को पूरी तरह सुरक्षित और कोरोना संक्रमण को रोकने में सफल पाया गया था। इसी के आधार पर इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत देने का फैसला किया गया। तीसरे फेज में कंपनी ने 26 हजार लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा है। इसमें से 23 हजार वालंटियर अब तक जोड़ लिए गए हैं।
तैयार है पूरी सप्लाई चेन
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डीसीजीआइ की अनुमति मिलते ही वैक्सीन को देश के छह स्थानों पर बनाए गए रीजनल सेंटर भेजने का काम शुरू हो जाएगा। वहां से राज्यों की राजधानियों और फिर जिला स्तर पर तैयार कोल्ड स्टोरेज तक पहुंचाया जाएगा। टीकाकरण की पूरी सप्लाई चेन तैयार है।
अफवाहों में न फंसेंः हर्षवर्धन
पूरे देश में टीकाकरण के ड्राई रन के दौरान स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने लोगों को किसी भी अफवाह से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि टीके पूरी तरह सुरक्षित हैं। शुरुआत में पोलियो के टीके को लेकर भी अफवाहें फैलाई गई थीं, लेकिन लोगों ने टीकाकरण कराया और आज देश पोलियो मुक्त है। काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्टि्रयल रिसर्च (सीएसआइआर) के महानिदेशक डॉ शेखर मांडे ने भी सुनिश्चित किया कि टीका सुरक्षित है और लोगों को टीकाकरण में आगे आना चाहिए।