कोरा झूठ है सरकार ने किसानों की 50 प्रतिशत मांगें स्वीकार कर ली हैं हमें अभी तक कोई कागज नहीं मिला है : योगेंद्र यादव

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन  लगातार जारी है. संयुक्त किसान मोर्चा की 7 सदस्यीय राष्ट्रीय समन्वय समिति ने भार सरकार के साथ चल रही बातचीत और किसान आंदोलन की आगामी रूपरेखा पर शनिवार को दिल्ली के प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड निकालेंगे.

इस दौरान स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि यह कोरा झूठ है कि सरकार ने किसानों की 50 प्रतिशत मांगें स्वीकार कर ली हैं. हमें अभी तक कोई कागज नहीं मिला है. योगेंद्र यादव ने कहा कि किसानों के ये आंदोलन अब निर्णायक दौर में हैं, 30 तारीख की वार्ता के बारे में मैं इतना ही कहूंगा कि अभी सिर्फ पूंछ निकली है, हाथी निकलना अभी बाकी है. MSP को कानूनी अधिकार मिलने और तीनों कृषि कानूनों को खारिज करने पर सरकार टस से मस नहीं हुई है.

किसान यूनियनों ने कहा कि हमने 26 जनवरी को दिल्ली कूच के लिए एक ट्रैक्टर परेड का आह्वान किया है. क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज के साथ 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर परेड को किसान परेड कहा जाएगा. उन्होंने कहा कि 23 जनवरी को हम विभिन्न राज्यों के राज्यपालों के आवास की ओर मार्च करेंगे और 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर किसान परेड आयोजित की जाएगी.

किसान यूनियन का कहना है कि हम शांतिपू्र्ण थे, शांतिपूर्ण हैं और शांतिपूर्ण रहेंगे, लेकिन तब तक दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहेंगे, जब तक कि नए कृषि कानूनों को निरस्त नहीं किया जाता. किसान नेताओं ने कहा कि किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की नई-नई चालें चलीं, जो अब जनता को पता चल चुकी हैं.

किसान नेता अशोक धवले ने कहा कि बीते 38 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों के आंदोलन के दौरान अब तक 50 से ज्यादा किसानों की जान जा चुकी है. उन्होंने कहा कि इन किसानों को शहीद का दर्जा देना तो दूर पीएम ने उनकी मौत पर दुख जताते हुए एक शब्द तक नहीं कहा है.

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