पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हर बात औरों से जुदा थी और अमृतसर से उनका अटूट नाता था। 1972 में जनसंघ के प्रमुख कार्यकर्ता व शहर के कपड़ा व्यापारी स्व. लाला रोशन लाल के बेटे किशन कुमार के विवाह का न्योता अटल जी को भेजा गया। उस समय देश में अन्न संकट चल रहा था। अटल जी ने न्योता स्वीकार किया लेकिन साथ ही यह कहा कि वह शादी में तभी आएंगे जब बारातियों को खाने की बजाय दूध व फल दिए जाएंगे। उनकी इच्छा के अनुरूप बरातियों के लिए दूध व फल ही स्टाल पर सजाए गए।
अमृतसर से अटल जी का था गहरा नाता, अमृतसरी दाल, सादी रोटी व खीर के थे मुरीद
लाला रोशन लाल के भतीजे विमल अरोड़ा ने बताया कि शादी के दौरान अटल जी कोठी से लेकर पुलिस लाइन तक पैदल ही बारात के साथ चले थे। वह जमीन से जुड़े नेता थे। साधारण कार्यकर्ताओं को गले लगाते थे और सादा जीवन जीते थे।
अटल जी पहली बार 1953 में ही गुरुनगरी आए थे। टाउन हाल में जनसंघ का एक कार्यक्रम था। फ्रंटियर मेल से अमृतसर पहुंचे अटल जी को आयोजन स्थल तक पहुंचाने के लिए भी लाला रोशन लाल की बग्घी का प्रयोग किया गया। लाला रोशन लाल के साथ अटल जी के घनिष्ठ संबंध थे।
जब भी अमृतसर आए कपड़ा व्यापारी स्व. लाला रोशन लाल के घर रुके
अटल जी जब भी अमृतसर आए, कटड़ा जैमल सिंह स्थित उनके घर रात्रि विश्राम किया। विमल अरोड़ा ने कहा कि हमारी कोठी का एक कमरा केवल अटल जी के लिए था। इसी कमरे में वह रुकते और कोठी के बड़े पार्क में लाला रोशन लाल के साथ सैर करते। खाने में उन्हें अमृतसरी दाल व सादी रोटी बहुत पसंद थी। खीर भी बड़े चाव से खाते थे। 2008 में लाला रोशन लाल का देहांत हो गया। अटल जी ने गहरा शोक व्यक्त किया।
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने पंजाब में 2007 में अपना आखिरी भाषण भी अमृतसर में ही दिया। उपचुनाव में पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू के पक्ष में मतदान की अपील करने पहुंचे वाजपेयी जी ने मंच से कहा था कि कांग्रेस नेताओं ने पंजाब में आतंकवाद का हौवा खड़ा करने की कोशिश की है। आतंकवाद की चर्चा करना यह दिखाता है कि वोट के लिए कहां तक गिरा जा सकता है, लेकिन हमें मिलकर पंजाब और देश को बचाना है।
अटल जी ने मंच से यूपीए सरकार से पूछा था गरीब दाल में कितना पानी डालेगा। दिल्ली और पंजाब में जब हमारी सरकार थी, तब हमने महंगाई नहीं बढने दी दी। हमने लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ा। पंजाब में सरकार बदलेगी तो यहां भी कीमतों को काबू में रखने का प्रबंध किया जाएगा। अकाली दल और भाजपा का मिलन दो दिलों का मिलन है, जो पंजाब की स्थिति को बदलेगा।
पंजाब की पूर्व सेहत मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला कहती हैं कि अटल जी से अच्छा नेता और कोई नहीं। मैं बचपन से ही इनके साथ चली हूं। 14 साल की थी। जनसंघ के कार्यक्रमों में आम कार्यकर्ता की तरह सेवा करती थी। बस मुझे पता चल जाए कि अटल जी आने वाले हैं। मैं उसी वक्त रैलियों अथवा समारोहों की तैयारियों में सेवा निभाने पहुंच जाती थी।
वह बताती हैं, अटल जी अमृतसर के गोलबाग में जलसा करने आए थे। मैं स्कूल से निकलकर जलसे में पहुंच गई। अटल जी मुझे व्यक्तिगत रूप से जानते थे। मेरी सेवा भावना के चलते वह मुझे शाबाशी देते। मुझे याद है कि मैं हरिद्वार गई थी। काफी भीड़ थी, लेकिन अटल जी ने मुझे देखते ही आवाज लगाई, आइए बहनजी। कार्यकर्ताओं से बोले, ये मेरी बहन है जो आतंकवाद से सीधी लड़ाई लड़ती है।
प्रो. चावला के अनुसार 2007 में अटल जी और लालकृष्ण आडवाणी अमृतसर आए थे। मैं नारियल की माला अटल जी को पहनाना चाहती थी, पर सुरक्षा कर्मचारियों ने इजाजत नहीं दी। मैं अड़ गई कि माला पहनाए बिना नहीं जाऊंगी। अटल जी ने मुझे देखा और मंच पर बुलाया। मैंने माला पहनाई। उनके निधन के कारण देश को अपूरणीय क्षति हुई। ऐसे राष्ट्र निर्माता कई शताब्दियों बाद पैदा होते हैं।