देश में कोरोना संक्रमण फैलने की शुरुआत होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभागों के बीच समन्वय बनाने की जिम्मेदारी खुद संभाल ली थी. योगी ने 24 मार्च को अपनी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम-11 का गठन किया. इसमें हर वरिष्ठ अधिकारी को विशेष जिम्मेदारी दी थी. मुख्यमंत्री योगी ने रोज सुबह 10.30 बजे से अपनी टीम-11 के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेना शुरू किया जो अब भी निरंतर जारी है.
बैठक में अधिकारी मुख्यमंत्री के सामने कोरोना नियंत्रण में किए जा रहे कार्यों की नवीनतम जानकारी देने के लिए अपने विभागों की रिपोर्ट पेश करते हैं. मुख्यमंत्री का कार्यालय इन सभी रिपोर्ट को कंपाइल कर, उसमें से महत्वपूर्ण बिंदुओं को रेखांकित कर एक इंटीग्रेटेड रिपोर्ट तैयार करता है जिसे उसी दिन शाम को योगी के सामने रखा जाता है. योगी खुद इस रिपोर्ट को पढ़ते हैं, जरूरत होती है तो एडिट करने का निर्देश देते हैं.
मुख्यमंत्री कार्यालय बताए गए बदलाव कर संशोधित रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सामने दोबारा पेश करता है. मुख्यमंत्री से सहमति मिलते ही रिपोर्ट में लिए गए निर्णयों पर अमल शुरू हो जाता है. अगले दिन अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री इस रिपोर्ट पर भी चर्चा करते हैं. योगी की इसी सीधी मॉनिटरिंग के कारण ही यूपी देश में सबसे अधिक 2.14 करोड़ से अधिक कोरोना टेस्ट करने वाला राज्य बन गया है. इतना ही नहीं देश में सबसे अधिक डेढ़ लाख कोविड टेस्ट रोज यूपी में ही हो रहे हैं. इसी का नतीजा है कि सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य यूपी में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली, पश्चिम बंगाल से कम मौतें कोरोना से हुई हैं.
लॉकडाउन में टीम-11 के गठन के बाद से योगी निरंतर सुबह साढ़े दस बजे अधिकारियों के साथ बैठक करके अपने दिन की शरुआत करते हैं. हालांकि अब टीम-11 की बैठक के एजेंडे में संभावित कोविड टीकाकरण के लिए जरूरी तैयारियां मुख्य जगह पा चुकी हैं. मुख्यमंत्री योगी ने भी प्रभावी ढंग से टीकाकरण कराने के लिए मुख्य सचिव व अपर मुख्य सचिव चिकित्सा-स्वास्थ्य की अध्यक्षता में स्क्रीनिंग कमेटी व टास्क फोर्स का गठन 10 दिसंबर को कर दिया है.
मुख्य सचिव आर.के. तिवारी की अध्यक्षता वाली स्क्रीनिंग कमेटी कोरोना टीकाकरण की निगरानी करेगी. कमेटी पूरे प्रदेश में टीकाकरण की लगातार समीक्षा करके कहीं पर कोई समस्या आने पर उसका निराकरण कराएगी. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद वाली टास्क फोर्स टीकाकरण का प्रभावी क्रियान्वयवन सुनिश्चित करेगी. यूपी में पहले चरण में चार करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लगाने की तैयारी की जा रही है. इनमें करीब 16 लाख फ्रंटलाइन वर्कर को टीका लगाया जाएगा. राज्य सरकार की ओर से इन फ्रंटलाइन वर्कर का ब्योरा केंद्र सरकार को भेज दिया गया है. इनमें लगभग 9 लाख स्वास्थ्यकर्मी हैं जबकि बाकी छह लाख में सुरक्षाकर्मी, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा संगठन, आपदा प्रबंधन स्वयंसेवक, खाद्य एवं रसद विभाग, आवश्यक सेवाओं व निकायों के कर्मचारी आदि शामिल हैं. टीकाकरण के लिए डेटा ब्लॉक स्तर पर कंप्यूटर पर दर्ज किया जा रहा है. इसमें लाभार्थी का नाम, उम्र, पता, मोबाइल नंबर दर्ज होगा. इसी आधार पर उन्हें घर-घर जाकर टीकाकरण की जानकारी दी जाएगी. इसके लिए कोरोना काल में हुए सर्वेक्षण के डेटा का इस्तेमाल किया जाएगा.
प्रदेश में 1,72,724 इलाकों के 3,02,87,276 घरों में रहने वाले 14,77,02,118 लोगों का सर्विलांस किया गया है. इन सभी का डेटा विभाग के पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है. जैसे ही किसी व्यक्ति को टीका लगाया जाएगा, उसके मोबाइल फोन पर टीका लगने का मैसेज भी आएगा. प्रमुख सचिव स्वास्थ्य आलोक कुमार बताते हैं, “सर्विलांस कार्यक्रम लगातार जारी है. इसी के अनुसार आंकड़े विभागीय पोर्टल पर दर्ज किए जा रहे हैं.”
स्वास्थ्य विभाग के पूर्व अपर निदेशक और पल्स पोलियो अभियान के प्रभारी रहे डॉ. अशोक मिश्र कहते हैं, “यूपी में अगले वर्ष कोरोना टीकाकरण उस वक्त शुरू होगा जब योगी आदित्यनाथ सरकार पूरी तरह से वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी में जुट चुकी होगी. ऐसे में कोविड टीकाकरण के जरिए योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार की ‘इमेज बिल्डिंग’ करेगी. इसीलिए योगी आदित्यनाथ टीकाकरण के इंतजाम की निगरानी स्वयं कर रहे हैं. अगर योगी सरकार सहूलियत भरा टीकाकरण कार्यक्रम लागू कर सकी तो उसे वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में फायदा जरूर मिलेगा.”
प्रदेश में कोराना वैक्सीन भंडारण के लिए 35 हजार केंद्र बनाए जाएंगे. मुख्यमंत्री योगी ने वैक्सीन के सुरक्षित स्टोरेज तथा कोल्ड चेन की स्थापना के लिए फूलप्रूफ कार्ययोजना बनाने को कहा है. उन्होंने स्वास्थ्य व गृह विभाग से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि किसी भी हाल में वैक्सीन का दुरुपयोग न होने पाए. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद बताते हैं, “पूर्व में रूबेला तथा खसरे की रोकथाम के लिए चलाए गए टीकाकरण अभियानों के अनुभवों के आधार पर कोरोना वैक्सीनेशन अभियान प्रदेश में प्रभावी ढंग से लागू करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया है.” मुख्यमंत्री ने वैक्सीन स्टोरेज सेंटर्स में सीसीटीवी लगाने, वैक्सीन कैरियर वाहनों में जीपीएस लगाने को भी कहा है जिससे इसकी सुरक्षित सप्लाई सुनिश्चित की जा सके.
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं, “तैयार योजना के अनुसार हर केंद्र पर टीकाकरण तीन चरणों में होगा जिसके लिए तीन अलग-अलग कमरों की व्यवस्था की जाएगी. एक व्यक्ति के टीकाकरण में 30-40 मिनट का समय लगने की संभावना है. राज्य सरकार को अब केंद्र की मंजूरी का इंतजार है. इसके बाद ही साफ होगा कि वैक्सीन का भंडारण किस तापमान पर किया जाना है.”