देश आज नौसेना दिवस मना रहा है। हर साल चार दिसंबर को देश के जाबांज जवानों को याद करते हुए नौसेना दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश के जवानों को नौसेना दिवस की बधाई दी और जवानों के जज्बे को सलाम किया।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने जवानों को बधाई देते हुए कहा, ‘शं नो वरुण: “जल के देवता हमारे लिए शुभ हों” नौसेना दिवस के अवसर पर भारत की समुद्री सीमाओं के सजग प्रहरियों के शौर्य को नमन, उनके परिजनों के धैर्य को नमन! कृतज्ञ देश, राष्ट्र की सुरक्षा और सेवा में आपके अदम्य साहस और समर्पण पर सदैव विश्वास करता है, आप पर गर्व करता है। जय हिन्द!’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘हमारे सभी बहादुर नौसेना कर्मियों और उनके परिवारों को नौसेना दिवस की शुभकामनाएं। भारतीय नौसेना निडर होकर हमारे तटों की रक्षा करती है और जरूरत के समय मानवीय सहायता भी प्रदान करती है। हमें सदियों से भारत की समृद्ध समुद्री परंपरा भी याद है।’
गृह मंत्री अमित शाह ने बहादुर जवानों को बधाई देते हुए कहा, ‘नौसेना दिवस पर, मैं भारतीय नौसेना के हमारे सभी साहसी कर्मियों और उनके परिवारों को हार्दिक बधाई देता हूं। भारत को हमारी समुद्री सीमाओं की रक्षा करने और आपदाओं के दौरान राष्ट्र की सेवा करने की अटूट प्रतिबद्धता के लिए हमारी दुर्जेय नीली जल सेना पर गर्व है।’
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नौसेना दिवस पर बधाई देते हुए कहा, ‘भारतीय नौसेना दिवस 2020 के अवसर पर इस उत्कृष्ट बल के सभी कर्मियों को मेरी शुभकामनाएं। समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करके हमारे समुद्र को सुरक्षित रखने में भारतीय नौसेना सबसे आगे है। मैं उनकी वीरता, साहस और व्यावसायिकता को सलाम करता हूं।’
बता दें कि चार दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारतीय नौसेना एक संतुलित त्रिआयामी शक्ति है, जो महासागरों की सतह पर, उसके ऊपर और उसके नीचे, हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में सक्षम है। नौसेना भारतीय सशस्त्र बलों की समुद्री शाखा है और भारतीय नौसेना के कमांडर-इन-चीफ भारत के राष्ट्रपति हैं।
साल 1971 में आज ही के दिन भारत-पाक युद्ध के दौरान नौसेना ने पाकिस्तान के कराची बंदरगाह को बर्बाद कर दिया था। भारतीय नौसेना की जीत के जश्न के रूप आज के दिन नौसेना दिवस मनाया जाता है। असल में यह पाकिस्तान द्वारा की गई कार्रवाई का जवाब था। इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ (Operation Trident) के नाम से भी जाना जाता है। भारत ने इस हमले से पाकिस्तानी नौसेना के कराची स्थित मुख्यालय को निशाना बनाया था। यह हमला इतना जबरदस्त था कि कराची बंदरगाह पूरी तरह बर्बाद हो गया था और इससे लगी आग सात दिनों तक जलती रही थी।