प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुताबिक कोविड-19 महामारी ने भारत के राष्ट्रीय चरित्र को पूरी दुनिया के सामने रखा और वर्ष 2020 को बाहरी व्यवधान के बजाए आंतरिक खोज के लिए जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में लोगों ने आश्चर्य जताया कि किस तरह भारतीयों ने चाहे गरीब हो या अमीर, युवा या वृद्ध, ग्रामीण या शहरी, सबने अप्रत्याशित संकट के समय जिम्मेदारी, अनुशासित रवैया दिखाया और कानून का पालन किया।
मोदी ने एक पुस्तक के विशेष वार्षिकी अंक के लिए एक खास आलेख में लिखा है, ‘महामारी के कारण कोई 2020 को बाहरी व्यवधान का वर्ष कह सकता है। लेकिन मेरा अटूट विश्वास है कि 2020 को बाहरी व्यवधान के वर्ष के तौर पर नहीं बल्कि हमारे समाज और हमारे राष्ट्र के लिए आंतरिक खोज के तौर पर जाना जाएगा।’ कई भारतीय दवा कंपनियां कोरोना वायरस की वैक्सीन विकसित करने के लिए काम कर रही हैं ।
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में सोमवार तक कोविड-19 के 94 लाख से ज्यादा मामले आ चुके हैं और इनमें से 88,50,000 लोग ठीक हो चुके हैं । संक्रमण के कारण अब तक 1,37, 139 लोगों की मौत हुई है। उल्लेखनीय है कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होने की दर बाकी देशों के मुकाबले कहीं ज्यादा है वहीं इस महामारी के कारण होने वाली मृत्यु की दर कहीं कम बनी हुई है।
आलेख में मोदी ने कहा कि मुश्किल परिस्थितियों के बीच भारत ना केवल दृढ़ बना रहा बल्कि दुनिया की भी मदद की। उन्होंने कहा, ‘भारत ने दुनिया भर में, दूरदराज वाले क्षेत्रों में जीवनरक्षक दवाइयां भेजीं और अपने लोगों के लिए भी इसकी कमी नहीं होने दी। महामारी के बाद कोविड-19 के हमारे योद्धा और मजबूत होकर उभरेंगे और भारत का नेतृत्व करेंगे। युद्धस्तर पर उल्लेखनीय प्रयासों के कारण पीपीई उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर हो गया।’
प्रधानमंत्री मोदी ने इस आलेख में लिखा है कि एंबुलेंस ड्राइवरों से लेकर दवा दुकानदारों, सुरक्षाकर्मियों से लेकर पड़ोस के दुकानदारों जैसे अनगिनत गुमनाम नायकों ने सामाजिक दूरी, मास्क पहनने और डिजिटल भुगतान को अपनाकर कठिन हालात में भी हमारी जिंदगी को आसान बनाया। मोदी ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में सुधार कदमों से देश की विकास यात्रा को खासी मजबूती मिली है, जो आने वाले समय में भी जारी रहेगी।
‘आत्मनिर्भर भारत’ के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि भारत और प्रतिस्पर्धी हो गया है, ऐसा भारत जो ज्यादा उत्पादक है और ऐसा भारत जो स्थानीय प्रतिभा का सम्मान करना जानता है । उन्होंने कहा, ‘आत्मनिर्भर भारत से वैश्विक आपूर्ति कड़ी में भारत की भूमिका बढ़ेगी। ज्यादा वैश्विक कारोबार भारत की नीतियों, कम दर, कुशल मानव संसाधनों का फायदा उठाने के लिए आएंगे।’
मोदी ने लिखा है कि कोविड-19 महामारी ने दिखाया है कि प्रौद्योगिकी एक सेतु का काम कर सकती है। वैश्विक शिखर सम्मेलन, बहुराष्ट्रीय कंपनियों तथा हर किसी का काम ऑनलाइन हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका दृष्टिकोण है कि आगामी वर्ष में प्रोद्यौगिकी में आत्मनिर्भरता पर और ध्यान दिया जाएगा।