राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए संसद सत्र शुरू होने के अनुमान काफी कम हैं। ऐसे में शीतकालीन सत्र टल सकता है। हालांकि, सरकार ने इस नुकसान की भरपाई के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। केंद्र सरकार से जुड़े सूत्रों की मानें तो इस बार शीतकालीन सत्र स्थगित किया जा सकता है। साथ ही, इसे बजट सत्र के साथ जोड़ा भी जा सकता है। ऐसे में संसद अब जनवरी के आखिरी सप्ताह में खुल सकती है।
गौरतलब है कि सितंबर में मॉनसून सत्र बुलाया गया था। उस दौरान कई संसद के कई कर्मचारी कोरोना संक्रमित मिले थे, जिसके बाद कुछ सांसदों ने सत्र स्थगित करने की मांग की थी। ऐसे में सरकार का प्लान है कि संसद को बजट सत्र के आसपास ही नियमित रूप से शुरू किया जाए।
बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है कि शीतकालीन सत्र देर से हो रहा है। संसदीय रिकॉर्ड्स के मुताबिक, 1952 से 2019 के दौरान राज्यसभा के 65 शीतकालीन सत्रों में से आठ सत्र दिसंबर के दौरान शुरू हुए। वहीं, 1962 और 1963 में दो सत्र दिसंबर से जनवरी तक चले थे।
ध्यान दें कि 1962-63 में शीतकालीन सत्र दो हिस्सों में बुलाया गया था। उस दौरान पहला हिस्सा 18 नवंबर से 12 दिसंबर 1962 तक चला था। वहीं, दूसरा हिस्सा 21 से 25 जनवरी 1963 तक जारी रहा। इसके बाद 2003 में भी संसद शीतकालीन सत्र के दो हिस्सों से रूबरू हुई। उस दौरान शीतकालीन सत्र का पहला हिस्सा 2 दिसंबर 2003 में शुरू हुआ और 23 दिसंबर तक चला। इसके बाद दूसरा हिस्सा 30 जनवरी 2004 को शुरू हुआ, जिसका समापन 5 फरवरी 2004 को हुआ।
संसदीय रिकॉर्ड्स के मुताबिक, 1993, 2003, 2004 और 2013 में शीतकालीन सत्र की शुरुआत दिसंबर के पहले सप्ताह में हुई। वहीं, 1990 और 2016 में शीतकालीन सत्र दिसंबर के चौथे सप्ताह में शुरू हुआ था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार इस बार शीतकालीन सत्र स्थगित कर सकती है या इसे बजट सत्र के साथ चला सकती है।