दुनिया में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पूरी दुनिया में वायरस के कारण अब तक 13,43,379 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं कोविड से संक्रमित मरीजों की संख्या 5,59,43,189 पर पहुंच गई है। जबकि 3,89,63,254 मरीज संक्रमणमुक्त होकर घर वापस लौट चुके हैं। ये आंकड़े www.worldometers.info/coronavirus के अनुसार हैं। वहीं अमेरिका में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अधिकारियों ने इससे निपटने के लिए एक बार फिर पाबंदियां लगानी शुरू कर दी हैं।
ब्रिटेन की बोरिस जॉनसन सरकार के लिए कोरोना महामारी दोहरी परेशानी लेकर आया है। यहां मंगलवार को मौत के आंकड़े में तेजी से इजाफा हुआ। ब्रिटेन में एक दिन में 598 लोगों की मौत हुई है। सरकार ने पिछले हफ्ते देश के कुछ हिस्सों में आंशिक लॉकडाउन लगाया था। इसके फिलहाल अच्छे नतीजे नहीं मिले हैं।
24 घंटे के दौरान संक्रमित मरीजों की मौत के आंकड़े में इजाफा हुआ है। अबतक 52,745 लोगों की मौत हो गई है। मंगलवार को 598 लोगों की मौत हुई। खास बात ये है कि 12 मई के बाद एक दिन में मरने वालों का आंकड़ा इतनी तेजी से बढ़ा है।
रिपब्लिकन गवर्नरों ने मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है और स्कूलों को दोबारा खोलने की योजनाएं भी फिलहाल स्थगित की जा रही हैं। इसी बीच, कई लोग मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम के पीछे के विज्ञान पर सवाल उठा रहे हैं। लोगों को इस बात का भी डर है कि एक बार फिर पाबंदियां लगाए जाने से और नौकरियां जा सकती हैं।
आयोवा की गवर्नर किम रेनॉल्ड्स जो मास्क पहनने के खिलाफ थीं, उन्होंने भी मंगलवार से मुंह ढंकने के अपने नियम में बदलाव किया। हालांकि उन्होंने दावा किया, ‘मास्क पहनने से कोरोना वायरस फैलने का खतरा कम होने या ना होने, दोनों से जुड़े वैज्ञानिक सिद्धांत है।’
जन स्वास्थ्य अधिकारियों ने अगले सप्ताह ‘थैंक्सगिविंग’ के मद्देनजर भी विशेष तैयारियां की हैं। वहीं डॉक्टरों ने लोगों से बड़े समारोह ना करने की अपील की है। ‘जॉन हॉपकिंस’ विश्वविद्यालय के अनुसार अमेरिका में सोमवार को सर्वाधिक 73,000 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती थे। वहीं सोमवार को कोविड-19 के 1,66,000 से अधिक नए मामले सामने आए थे।
अमेरिका में अभी तक 2,47,000 से अधिक लोगों की वायरस से मौत हो चुकी है। यहां प्रतिदिन औसतन 1,145 लोगों की मौत हो रही है। आयोवा के अलावा, नॉर्थ डकोटा और यूटा ने भी अब मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। वहीं साउथ डकोटा ने स्कूलों को एक बार फिर बंद करने का फैसला लिया है।