कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया के तौर-तरीके बदल दिए। कई माह तक समूचा विश्व अपने घरों में कैद था। आर्थिक व्यवस्था चरमरा गई, जिसका असर समाज के हर तबके पर पड़ा। खेल जगत भी इससे अछूता नहीं रहा। भारत, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया सरीखे संपन्न क्रिकेट बोर्ड तो इससे उबरने भी लगे हैं, लेकिन कई छोटे और एसोसिएट्स देशों की स्थिती बदतर है।
जब क्रिकेट ही नहीं होगा तो क्रिकेटर भूखा ही मरेगा। अपने परिवार का पेट पालने के लिए संघर्ष करेगा। दूसरे रास्ते अपनाएगा। ऐसी ही मजबूरी अपने देश के लिए पांच वन-डे, 41 टी-20 खेल चुके एक खिलाड़ी के साथ आई। इन विपरित हालातों में नीदरलैंड्स के क्रिकेटर पॉल वान मीकेरेन लॉकडाउन के दौरान फूड डिलीवरी का काम करते थे।
ईएसपीएनक्रिकइंफो ने रविवार को ट्वीट किया कि, ‘अगर कोविड महामारी नहीं आती तो 2020 वर्ल्ड टी-20 इस समय तक खत्म हो जाता। इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए नीदरलैंड्स के 27 वर्षीय पेसर ने विश्व कप न खेल पाने पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, ‘इस समय सर्दियों के महीने निकालने के लिए मैं ऊबर इट्स पर डिलीवरी कर रहा हूं।
जिम्बाब्वे के खिलाफ 2019 में अपना आखिरी वन-डे खेलने वाला यह खिलाड़ी अकेला नहीं है जिसे ऐसे विपरित हालातों का सामना करना पड़ा। खेलों के महाकुंभ का स्वर्ण पदक जीत चुके वेनेजुएला के तलवारबाज के दिन भी खराब चल रहे हैं। 35 वर्षीय रुबेन लिमार्डो अपने गृहनगर में साइकिल से खाने की डिलिवरी कर रहे हैं। वे अकेले नहीं हैं, बल्कि उनकी टीम के 20 अन्य खिलाड़़ी भी यही काम कर रहे हैं।
आठ साल पहले अपने देश के लिए तलवारबाजी में गोल्ड जीतने वाले लिमार्डो ने हाल ही में अपने इस नए काम के बारे में लोगों को बताया। बकौल लिमार्डो, ‘कोरोना काल में ओलंपिक एक साल के टलने की वजह से स्पॉन्सर्स से भी उन्हें मदद नहीं मिल रही। वेनेजुएला में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं क्योंकि कोरोना ने सब बदलकर रख दिया। हम सभी काम करने के बाद शाम में प्रैक्टिस के लिए भी इकट्ठे होते हैं। लिमार्डो वेनेजुएला के लिए बीते 44 साल में मेडल जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने थे।